[ad_1]
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक- ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023’ को लोकसभा ने पारित कर दिया. गुरुवार को इस बिल पर हुई लंबी चर्चा और इसमें सभी राजनीतिक दलों के सांसदों के शामिल होने के बाद विपक्षी दलों के वॉक आउट के बीच लोकसभा ने ध्वनिमत से बिल को पास कर दिया. चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर, संविधान, दिल्ली, लोकतंत्र, गठबंधन और केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर जमकर निशाना साधते हुए विपक्षी नेताओं के आरोपों का उनका नाम ले-लेकर जवाब दिया.
उन्होंने कहा, ‘यह बिल पूरी तरह से संवैधानिक है और केवल दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए लाया गया है, इसमें केंद्र सरकार का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है. विपक्ष को लोकतंत्र, देश और जनता की चिंता नहीं है, पूरा विपक्ष अपने गठबंधन को बचाने में जुट गया है, विपक्ष का यह दोहरा चरित्र पूरा भारत देख रहा है. सरकार सदन में मणिपुर पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है और केंद्रीय गृह मंत्री खुद चर्चा में हर बात का जवाब देने के लिए तैयार हैं.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘विपक्ष लोगों के मन में भ्रम पैदा करना चाहता है, लेकिन जनता सब जानती है, आज विपक्ष की पोल खुल गई है. दिल्ली सरकार के निशाने पर सतर्कता विभाग है, क्योंकि एक्साइज घोटाले की फाइल, मुख्यमंत्री के नए बंगले के निर्माण में अवैध खर्च, करोड़ों रुपए के खर्च की जांच चल रही है.’
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha says, “Services have always been with the Central government. SC gave an interpretation…From 1993 to 2015 no Chief Minister fought. There were no fights because whichever govt was formed their aim was to serve the people.… pic.twitter.com/lAld2rMOF2
— ANI (@ANI) August 3, 2023
उन्होंने आगे कहा, ‘सतर्कता विभाग में सत्तारूढ़ दल के प्रचार पर 90 करोड़ रुपए थे. केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की विधानसभा देश की एकमात्र विधानसभा है, जिसका सत्रावसान नहीं होता है, लेकिन 2020 से 2023 तक इसने केवल बजट सत्र बुलाया है. वे बहुत कम कैबिनेट बैठकें बुलाते हैं. उन्होंने एम्स, आईआईटी-दिल्ली जैसे संस्थानों के लिए 13 अनुमतियां लंबित रखी हैं.’
गृह मंत्री ने कहा, ‘2016 में 5जी तकनीक लाने के लिए एक अधिनियम बनाया गया था, जिसे देश के सभी राज्यों ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन दिल्ली ने ऐसा नहीं किया. शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने के लिए विज्ञापन के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए और कैग रिपोर्ट पिछले 2 साल से दिल्ली विधानसभा में पेश नहीं की गई है. अनुच्छेद 239 (एए)(3)(बी) के तहत, संसद को केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली या उसके किसी भी हिस्से और उससे संबंधित किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने की पूरी शक्ति है.’
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah says, “The opposition’s priority is to save their alliance. The opposition is not worried about Manipur…Everyone is talking about the rights of a state. But which state? Delhi is not a state but a Union Territory…The Parliament has the… pic.twitter.com/9ivxALDKfB
— ANI (@ANI) August 3, 2023
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘1993 से दिल्ली में एक सही व्यवस्था चल रही थी क्योंकि किसी का इरादा सत्ता हथियाने का नहीं था, लेकिन 2015 में दिल्ली में एक ऐसी सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा कराना है. किसी भी बिल के समर्थन या विरोध की राजनीति चुनाव जीतने या किसी का समर्थन पाने के लिए नहीं की जानी चाहिए, बिल और कानून देश हित में लाए जाते हैं, देश और दिल्ली की भलाई के लिए उनका विरोध या समर्थन किया जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘विपक्ष को जनता का विश्वास मिला था, लेकिन सरकार के 10 साल के शासनकाल में करोड़ों रुपए के घोटाले हुए. 12 लाख करोड़ का घोटाला हुआ. पूरा देश उन लोगों को देख रहा है जो अपने गठबंधन को हासिल करने के लिए गुप्त रूप से घोटालों और भ्रष्टाचार में दिल्ली सरकार की मदद कर रहे हैं.’
.
Tags: AAP, Amit shah, Lok sabha, Parliament Monsoon Session
FIRST PUBLISHED : August 03, 2023, 22:17 IST
[ad_2]
Source link