Patna:
Bihar Politics News: बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सात बार से विधायक रहे नंदकिशोर यादव बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष बन गए हैं. इस बीच राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि, ”राष्ट्रीय लोक मोर्चा, एनडीए के साथ मिलकर बिहार में लोकसभा की सभी 40 सीटों पर जीत सुनिश्चित करेगा.” आगे उन्होंने कहा कि, ”पार्टी नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेगी.” बता दें कि कुशवाहा मंगलवार को पटना में पार्टी के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया.
‘हर पार्टी को जनता के बीच जाने का अधिकार’ – उपेन्द्र कुशवाहा
आपको बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा ने आगे कहा कि, ”हर पार्टी को जनता के बीच जाने का अधिकार है. चाहे राहुल गांधी हों या तेजस्वी यादव, कहीं भी घूम लें कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है. एनडीए पहले से ज्यादा सीटों पर विजयी होकर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में फिर से केंद्र में सरकार बनाएगा.” बता दें कि इससे पहले कुशवाहा ने प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह कुशवाहा समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ केक काटकर पार्टी का पहला स्थापना दिवस मनाया.
‘जनता के बीच जाएंगे’ – रमेश सिंह कुशवाहा
इसके साथ ही आपको बता दें कि रमेश सिंह कुशवाहा ने इसको लेकर कहा कि, ”आज पार्टी के प्रथम स्थापना दिवस को संकल्प दिवस के रूप में आयोजित किया है, जहां पार्टी आगामी लोक सभा चुनाव में बिहार में सभी 40 सीटों पर एनडीए की जीत के संकल्प के साथ जनता के बीच जाएगी.” बता दें कि इस कार्यक्रम में शम्भू नाथ सिन्हा, निर्मल कुमार सिंह, बसंत पटेल, बबन यादव, खुर्शीद अहमद समेत अन्य नेता कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
जानें कौन हैं उपेंद्र कुशवाहा
आपको बता दें कि उपेन्द्र कुशवाह बिहार के राजनेता हैं. वह पूर्व सांसद हैं. उपेन्द्र कुशवाहा का जन्म 6 फरवरी 1960 को वैशाली जिले में हुआ था. राज्य में कुशवाहा समाज में उनकी अच्छी पैठ है. वहीं बता दें कि उपेंद्र ने साल 2013 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी बनाई थी. साल 2021 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय जनता दल यूनाइटेड में कर दिया था, हालांकि साल 2023 में जेडीयू नेता नीतीश कुमार से दूरियां बढ़ने के बाद वह एक बार फिर पार्टी से अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल बनाई. हाल ही में उन्होंने अपनी पार्टी का नाम बदलकर राष्ट्रीय लोक मोर्चा रख लिया है.