प्लास्टिक कूलर की तुलना में लोहे वाले कूलर का एयर थ्रो अधिक होता है।
Air cooler buying tips: तेज चिलचिलाती गर्मी पड़ने लगी है और लोगों ने पंखे और कूलर को चलाना भी शुरू कर दिय है। अगर आप एक नया एयर कूलर लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए काम की खबर है। कूलर खरीदते समय इस बात को लेकर सबसे ज्यादा कंफ्यूजन होता है कि प्लास्टिक वाला कूलर खरीदना बेहतर होता है या फिर मेटल यानी लोहे वाला कूलर ज्यादा बेहतर होगा। अगर आप भी इसको लेकर कंफ्यूजन में है तो आइए आपकी टेंशन खत्म करते हैं।
ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन हर जगह आपको मेटल और प्लास्टिक दोनों ही तरह के एयर कूलर देखने को मिल जाते हैं। अगर आप ऑनलाइन मार्केट में जाते हैं तो आपको प्लास्टिक वाले कूलर ज्यादा देखने को मिलेंगे। आइए आपको बताते हैं प्लास्टिक और मेटल वाले कूलर्स में कौन से ज्यादा बेहतर होते हैं और किसे खरीदना ज्यादा फायदेमंद होगा।
प्लास्टिक वाले कूलर के फायदे
आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से प्लास्टिक वाले कूलर्स जमकर पॉपुलर हुए हैं। शहरी इलाकों में ज्यादातर घरों में अब आपको प्लास्टिक वाले कूलर्स ही देखने को मिलेंगे। अब अधिकांश लोग प्लास्टिक कूलर ही खरीदना पसंद करते हैं। आइए आपको प्लास्टिक कूलर के फायदे बताते हैं।
- प्लास्टिक कूलर देखने के में स्टाइलिश होते हैं। इसमें आपको कई तरह के अलग-अलग डिजाइन भी मिल जाते हैं।
- प्लास्टिक कूलर का वजन काफी कम होता है इसलिए इन्हें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर सकते हैं।
- प्लास्टिक कूलर में जंग लगने का डर नहीं होता इसलिए ये कई सालों तक चल जाते हैं।
- प्लास्टिक कूलर का रख रखाव, लोहे वाले कूलर की तुलना में काफी आसान होता है।
- अब तो कई प्लास्टिक कूलर ऐसे भी हैं जिसमें आइस चेंबर मिलता है जिसमें बर्फ डालकर कूलिंग बढाई जा सकती है।
लोहे वाला कूलर
आज से करीब 8-10 साल पहले तक लोहे वाले एयर कूलर्स का ही बोलबाला था। कस्बों और ग्रामीण इलाकों में आज भी इनका जमकर इस्तेमाल किया जाता है। आइए आपको बताते हैं कि प्लास्टिक वाले कूलर से ये कूलर्स कितना अलग हैं।
- प्लास्टिक वाले कूलर की तुलना में लोहे वाले कूलर्स में पानी अधिक मात्रा में आता है।
- लोहे वाले कूलर की स्पीड अधिक होती है और इनकी हवा का थ्रो भी प्लास्टिक वाले कूलर से अधिक होता है।
- प्लास्टिक वाले कूलर की बॉडी प्लास्टिक वाले कूलर की तुलना में कहीं अधिक मजबूत होती है।
- लोहे वाले कूलर में बिजली खपत काफी अधिक होती है।