मनीष पुरी/भरतपुर: अगर खानपान की बात की जाए और भरतपुर शहर का नाम न आए ऐसा कैसा हो सकता. भरतपुर शहर खाने-पीने में किसी से कम नहीं है, क्योंकि भरतपुर शहर में आपको हर तरह का खाना मिल जाएगा. बता दें कि लोग भरतपुर के खानपान को खुब पसंद भी करते हैं .लेकिन भरतपुर की कुछ ऐसी मिठाइयां हैं जो की सिर्फ स्पेशली भरतपुर में ही बनाई जाती हैं. इसके अलावा वह मिठाइयां दूसरी जगह आपको देखने के लिए नहीं मिलेगी. इन्हीं में से एक है भरतपुर का देसी कलाकंद. यह कलाकंद इतना प्रसिद्ध है कि लोग इसे दूर-दूर से खाने और लेने आते हैं.
वैसे तो आपको कलाकंद हर जगह मिल जाएगा लेकिन भरतपुर के कलाकंद की बात ही अलग है. यह कलाकंद खाने में काफी स्वादिष्ट और लाजवाब होता है. भरतपुर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर बयाना में प्रसिद्ध वकील का कलाकंद बनाया जाता है, जो कि खाने में आम कलाकंदो से अच्छा और लाजवाब होता है. यह कलाकंद वकील के नाम से फेमस है जो की एक छोटी सी दुकान पर बनाया जाता है.
काफी मेहनत से तैयार होता है ये कलाकंद
कलाकंद बनाने वाले बताते हैं.कि इस कलाकंद को लोग बड़ी दूर-दूर से खाने के लिए आते हैं.इसके अलावा भरतपुर धौलपुर करौली सहित विभिन्न जिलों के लोग इस कलाकंद को खूब पसंद करते हैं.कलाकंद बनाने वाले वकील बताते हैं. कि उनको यह दुकान लगाते हुए काफी समय हो गया है. पहले वह यह दुकान उनके बड़े भाई लगते थे लेकिन बड़े भाई के गुजर जाने के बाद उन्होंने काम संभाल वकील बताते हैं कि इस कलाकंद को बनाने में काफी मेहनत और समय लगता है.
वकील बताते हैं कि कलाकंद बनाने के लिए सबसे पहले शुद्ध भैंस का दूध लिया जाता है. उसके बाद दूध को बड़ी-बड़ी कढ़ाईयों में डाला जाता है और दूध को अच्छी तरह से कढ़ाईयों में पकाया जाता है, जब तक की इसका खोया ना बन जाए. खोया बनने के बाद में दूध से आदि मात्रा में चीनी डाली जाती है. चीनी डालने के बाद दोनो को अच्छी तरह से मिक्स किया जाता है.
रोजना 50 किलो हो जाती है बिक्री
मिक्स करने के बाद अपने सीक्रेट तरीकों से लगभग 12 से 13 घंटे के लिए ट्रे में जमाने के लिए रख दिया जाता है. जब 12 से 13 घंटे बाद वह अच्छी तरह से जम जाता है.उसके बाद में कलाकंद के छोटे-छोटे पीस काट के मार्केट के लिए भेजे जाते है. वकील बताते हैं कि हमारे यहां से रोजाना लगभग 50 किलो कलाकंद की बिक्री हो जाती है और हमारे यहां इस कलाकंद का रेट आज के टाइम पर 350 रुपए किलो चल रही है.
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FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 14:31 IST