Thursday, December 12, 2024
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वरुण धवन की ‘बवाल’ से क्यों गुस्से में हैं यहूदी, इजरायल ने भी जताई नाराजगी?


नई दिल्ली. अभिनेता वरुण धवन की फिल्म ‘बवाल’ को लेकर कई यहूदी संगठन और इजरायल काफी नाराज है. इस फिल्म में वैवाहिक कलह की एक कहानी बताने के लिए यहूदियों के नरसंहार का जिक्र किया गया है, जिसको लेकर विवाद छिड़ गया है. भारत में इजरायल के राजदूत नेऑर गिलोन ने अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई इस फिल्म में यहूदियों के नरसंहार (होलोकास्ट) को ‘मामूली बताने’ पर चिंता जाहिर की है. वहीं एक प्रमुख यहूदी समूह ने फिल्म की आलोचना करते हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम से इसे हटाने की अपील की है.

फिल्म ‘बवाल’ का निर्देशन ‘दंगल’ फिल्म के निर्देशक नितेश तिवारी ने किया है. यह फिल्म 21 जुलाई को OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी. इस फिल्म में वरुण धवन हाई स्कूल में इतिहास के शिक्षक अजय दीक्षित की भूमिका में हैं और जाह्नवी कपूर उनकी पत्नी निशा का किरदार निभा रही हैं. वे यूरोप की यात्रा पर जाते हैं, जहां वे द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े अहम स्थलों का दौरा करते हैं, जिनमें ऑशविट्ज और एम्स्टर्डम में ऐनी फ्रैंक का घर भी शामिल है. फिल्म में दिखाया गया है कि दंपति होलोकास्ट को याद करके कैसे अपने मतभेदों को दूर करते हैं.

इजरायल के राजदूत ने जताई नाराजगी
इसे लेकर भारत में इजरायल के दूतावास ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि फिल्म में ‘यहूदियों के नरसंहार को मामूली बताने से वह आहत हुआ है.’ इजरायल के राजदूत नेऑर गिलोन ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैंने फिल्म बवाल नहीं देखी है, लेकिन मैंने जो पढ़ा है, उसके आधार पर मुझे लगता है कि फिल्म में खराब शब्दों और प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है. यहूदियों के नरसंहार को मामूली बताए जाने से सबको आहत होना चाहिए.’ उन्होंने लिखा, ‘जो लोग यहूदियों के नरसंहार की भयावहता के बारे में नहीं जानते, मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे इस बारे में जानें.’

ऑशवित्ज को लेकर भी गुस्से में यहूदी संगठन
वहीं होलोकॉस्ट के पीड़ितों की स्मृति को समर्पित साइमन विसेन्थल सेंटर (SWC) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर फिल्म की आलाचोना की. संगठन ने कहा कि फिल्म में कुछ दृश्य दिखाए गए हैं, जिनमें ऑशवित्ज में अभिनेता और अभिनेत्री एक गैस चैंबर में घुसते हैं और घुटन महसूस करते हुए दिखते हैं.

एसडब्ल्यूडी के एसोसिएट डीन और ग्लोबल सोशल एक्शन के डायरेक्टर रब्बी अब्राहम कूपर ने कहा था, ‘फिल्म में हिटलर को लालची कहा गया है, जिसमें मुख्य नायक अपनी पत्नी से कह रहा है: ‘हम सब कुछ हद तक हिटलर की तरह हैं, है ना?’

उल्लेखनीय है कि ऑशवित्ज द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी जर्मनी का एक कैदखाना था, जहां करीब 10 लाख यहूदियों को मार डाला गया था. फिल्म में ऐसे दृश्य हैं, जिनमें कलाकार धारीदार कपड़े पहनकर ऑशविट्ज के गैस चैम्बर में जाते हैं और उनका दम घुटने लगता है.

कूपर ने कहा कि ऑशविट्ज कोई रूपक नहीं है, बल्कि इस बात का उदाहरण है कि कोई शख्स कितना बुरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि नितेश तिवारी ने कत्ल कर दिए गए 60 लाख यहूदियों और हिटलर के नरसंहार शासन की ज्यादतियां सहने वाले लाखों अन्य लोगों के दर्द की याद को मामूली तौर पर दिखा उसका अपमान किया. उन्होंने कहा कि फिल्म का मकसद इस तरह के दृश्य दिखाकर प्रचार हासिल करना था तो वे इसमें कामयाब हो चुके हैं.

कूपर ने कहा कि ‘अमेजन प्राइम’ को नाजी होलोकास्ट के लाखों पीड़ितों की पीड़ा और व्यवस्थित हत्याओं का तुच्छ रूप में प्रदर्शन तत्काल हटाकर ‘बवाल’ से कमाई बंद करनी चाहिए. हालांकि इस संबंध में प्राइम वीडियो की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

Tags: Israel, Varun Dhawan



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