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भारतीय स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत इतिहास रच दिया है। फाइनल में अपने दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर की दूसरी तय कर उन्होंने यह मेडल हासिल किया। वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद नीरज चोपड़ा का पहला रिएक्शन सामने आया है। नीरज की नजरें इस चैंपियनशिप में 90 मीटर का मार्क पार करने पर थी, मगर उन्हें फिर से चोटिल होने का डर सता रहा था। हालांकि उन्होंने वादा कि आगामी चैंपियनशिप में वह यह मार्क पार करने की पूरी कोशिश करेंगे। नीरज के साथ फाइनल में दो अन्य भारतीय डीपी मनु और किशोर जेना भी थे। यह दोनों भारतीय मेडल तो नहीं जीत पाए, मगर नीरज चोपड़ा के साथ टॉप-6 में जरूर खत्म किया।
नीरज चोपड़ा ने ये एतिहासिक गोल्ड मेडल जीतने के बाद कहा ‘बस अब मैं क्या ही बताऊं, सभी बोलते थे बस ये ही चीज, ये मेडल (वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड) बचा था, वो भी आज पूरा हो गया है। बस 90 मीटर के सवाल का जवाब देना बाकी है, मुझे लग रहा था कि आज हो जाएगा, मगर गोल्ड मेडल ज्यादा इंपोर्टेंट था। अब अपने पास है ये। अभी और कॉम्पिटिशन है, समय है तो उनमें और ज्यादा जोर लगाएंगे।’
थ्रो के दौरान नीरज के जहन में उनकी ग्रोइन इंजरी चल रही थी जिस वजह से वह ट्रैक पर अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पा रहे थे। उन्होंने कहा ‘बस मुझे लग रहा था कि लास्ट थ्रो निकलेगी, थ्रो कंसिस्टेंट तो थी मगर कहीं ना कहीं कुछ दिक्कत आ रही थी। पहली थ्रो मैं सोच रहा था काफी अच्छे से लगाऊंगा, मगर टेक्निकली प्रॉब्लम रही उसमें। पहली थ्रो अच्छी ना लगे तो थोड़ा हो ही जाता है, फिर मैंने अपने आप को पुश किया, मैं थोड़ा सा ग्रोइन के बारे में सोच रहा था, ज्यादा केयरफुली चल रहा था, स्पीड में 100 प्रतिशत नहीं जा पा रहा था। अगर स्पीड में अच्छी ना हो तो कमी महसूस होती है। तो मुझे अपने आप को पूरी तरह से फिट करना है और 100 प्रतिशत रनअप में तेज दौड़ना है और पूरी जान लगानी है। वही चीज मुझे करनी है।’
नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने
वहीं भारतवासियों को नीरज चोपड़ा ने मैसेज दिया ‘भारतवासियों को मैं धन्यवाद बोलूंगा कि आप रात को जाग रहे हैं और सपोर्ट कर रहे हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद। ये मेडल पूरे इंडिया के लिए है। ओलंपिक चैंपियन बने थे और अब वर्ल्ड चैंपियन हैं। हम कुछ भी कर सकते हैं, आप सभी अपनी-अपनी फील्ड में ऐसे ही मेहनत करते रहो और हमको दुनिया में नाम करना है।’