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महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया है कि शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे को सबक सिखाने के लिए वर्ष 2019 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)के नेता अजित पवार का समर्थन लेना जरूरी था। मुनगंटीवार का इशारा संभवत: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस और पवार द्वारा बनाये गठबंधन की ओर था। देवेंद्र फडणवीस-अजित पवार सरकार का गठन नवंबर 2019 में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद गुपचुप तरीके से किया गया था।
बाद में, उद्धव ठाकरे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के मुख्यमंत्री बने थे, जिसमें उनकी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल थी। मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर ठाकरे ने लंबे समय से सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ लिया था। भाजपा नेता मुनगंटीवार ने शनिवार को लोकसत्ता अखबार को बताया, ”उद्धव ठाकरे उस समय जिस तरह की नयी राजनीतिक व्यवस्था लेकर आए थे, उस समय ठाकरे को सबक सिखाने के लिए राकांपा के अजित पवार से समर्थन लेना जरूरी था।”
भाजपा नेता की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ”मुनगंटीवार ने जो कुछ कहा, उसे मैंने व्यक्तिगत रूप से नहीं सुना। उनके बयान पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।” जब पत्रकारों ने संजय राउत से मुनगंटीवार की टिप्पणी के बारे में पूछा, तो शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, ”मुनगंटीवार को उनकी अपनी पार्टी में कोई व्यक्ति महत्व नहीं देता है। उनकी टिप्पणी के बारे में हमसे पूछने का क्या मतलब है।” हाल ही में अटकलें लगाई जा रही थीं कि अजित पवार भाजपा के खेमे में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने ऐसी अफवाहों को खारिज कर दिया था।
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