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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शुक्रवार को आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है। जिला प्रशासन का दावा है कि वाराणसी में अभी तक 292 निवेशकों ने 46000 करोड़ के एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर साइन किया है। इससे 95 हजार नये रोज़गार सृजित होने की संभावना है। पर्यटन सेक्टर में निवेशकों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है और इसमें 11 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश एमओयू साइन हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ के निवेश टार्गेट के लिये वाराणसी इनवेस्टर्स समिट ‘बदल रहा उत्तर प्रदेश-वाराणसी में करिये निवेश’ में उद्यमियों एवं निवेशकों को यूपी में भारी निवेश किए जाने पर विशेष जोर दिया गया। बताया कि देश मे उत्तर प्रदेश ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में दूसरे स्थान पर है तथा पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। 12 मेजर टूरिस्ट सर्किट उत्तर प्रदेश में हैं।
वाराणसी इन्वेस्टर्स समिट में जिले में औद्योगिक विकास तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं एवं नई नीतियों के सम्बन्ध में प्रेजेंटेशन दिया गया। इससे सभी भावी निवेशकों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं के नये निवेश विस्तारीकरण के लिए उपलब्ध करायी जा रही वित्तीय एवं अन्य प्रोत्साहनों की जानकारी दी गई। साथ ही निवेशकों की शंकाओं का समाधान संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया।
बैठक में निवेशकों ने वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा ऑनलाइन नक्शे पास करने से होनी वाली दिक्कतों की बात भी उठाई। इस पर वीडीए द्वारा आकड़ों के माध्यम से अपनी बात रखी गयी। जिलाधिकारी वाराणसी एस राजलिंगम द्वारा वाराणसी इनवेस्टर्स समिट में निवेशकों को आश्वस्त करते हुये कहा कि अधिकारी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि 292 निवेशकों के माध्यम से 46,000 करोड़ के निवेश का एमओयू हो चुका है, जबकि 324 निवेशकों ने 47 हजार 705 करोड़ के निवेश में रुचि दिखाई है। कुछ निवेशकों को एमओयू भी वितरित किया गया। उन्होने बताया कि वाराणसी में अबतक कुल 292 एमओयू हुए हैं। इनमें प्रस्तावित निवेश की धनराशि 46 हजार एक करोड़ 80 लाख रुपए है।
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