Thursday, April 17, 2025
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विवादों में क्यों शिंदे सरकार की ये नियुक्ति, क्या नियम दरकिनार कर पूर्व मंत्री के बेटे को बनाया MPCB चीफ 


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महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार का एक और कदम विवादों में आ गया है। आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और मानक नियमों को दरकिनार करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने शिव सेना नेता और राज्य के पूर्व पर्यावरण मंत्री रामदास कदम के बेटे सिद्धेश कदम को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। नियमों के अनुसार, इस पद पर वैसे व्यक्ति की नियुक्ति हो सकती है, जिसे पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों में 25 साल का अनुभव हो या पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों से निपटने वाले संस्थानों में कार्य करने का 25 साल का अनुभव रहा हो।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने 6 मार्च को एक गजट अधिसूचना के जरिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष और IAS अधिकारी ए एल जारहाद को पद से हटा दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि जारहाद बिना किसी कारण के कार्यालय से लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। उन्हें 7 सितंबर, 2021 को इस पद पर तैनात किया गया था।

जारहाद को हटाकर उस पद पर अब 41 वर्षीय सिद्धेश कदम की नियुक्ति की गई है। गुरुवार को ही सिद्धेश के पिता रामदास कदम ने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की बातचीत में भाजपा नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना को कमतर आंक रही है। उन्होंने कड़े अंदाज में भाजपा नेतृत्व की आलोचना की थी और कहा था कि हमारा गला मत काटो, वरना अंजाम बुरा होगा।

क्या कहता है नियम

18 मार्च, 2021 को जारी महाराष्ट्र जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) (प्रथम संशोधन) नियम, 2021 के तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड तय किए गए थे। उसके मुताबिक, अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों में वरिष्ठ प्रबंधकीय पद पर 25 साल का कार्य अनुभव जरूरी है।

नियमानुसार वैसे सरकारी अधिकारियों की भी इस पद पर तैनाती हो सकती है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा में हैं या रहे हों, और सचिव या उससे ऊपर के पद पर हैं या रहे हों, और विज्ञान में डिग्री रखते हों या इंजीनियरिंग और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों के संबंध में ज्ञान और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों से निपटने वाले केंद्र सरकार या राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के संस्थानों या विभागों में काम करने का अनुभव रखते हों। 

शैक्षणिक योग्यता के बारे में कहा गया है कि इस पद पर तैनात होने वाले व्यक्ति के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से पर्यावरण से संबंधित विज्ञान में मास्टर डिग्री या पर्यावरण या सिविल या रसायन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह के पदों पर तैनाती के दिशानिर्देश तय किए हैं लेकिन कदम की नियुक्ति उन पर खरी नहीं उतरती है।

इस बीच, सिद्धेश कदम ने कहा कि सरकार हममें से किसी से भी बेहतर जानती है। कदम ने कहा कि वह न केवल विज्ञान स्नातक और मास्टर डिग्रीधारी हैं, बल्कि उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर काम किया है।



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