Friday, November 22, 2024
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शतभिषा नक्षत्र में शनिदेव, देश दुनिया पर दिखेगा प्रभाव, चिकित्सा के क्षेत्र में नवीन शोध के योग


हाइलाइट्स

इस समय शनिदेव कुंभ राशि यानी स्वराशिस्थ हैं. 
शतभिषा नक्षत्र राहु का नक्षत्र माना जाता है. 

Shatbhisha Nakshatra me Shani : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के जीवन और देश दुनिया में होने वाले कई प्रभाव के लिए नौ ग्रहों को महत्वपूर्ण माना जाता है. इनका शुभ और अशुभ दोनों तरह का असर देखने को मिलता है. इसी क्रम में ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मों के देवता के रूप में देखा जाता है. ऐसा नहीं है कि शनि के दुष्प्रभाव सभी के ऊपर पड़ता है. बल्कि जो व्यक्ति जैसे कर्म करता है उसे शनिदेव वैसा ही फल प्रदान करते हैं. इस समय शनिदेव शतभिषा नक्षत्र में हैं ये नक्षत्र राहु का नक्षत्र माना जाता है. शनिदेव ने 15 मार्च को इस नक्षत्र में प्रवेश किया है जो 17 अक्टूबर तक इसी में रहेंगे. शनि का गोचर राहु के नक्षत्र में होने से देश दुनिया पर क्या असर पड़ेगा इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्डया.

शनि का गोचर राहु के नक्षत्र में होने से कई तरह के बदलाव और असर देखने को मिलेंगे.
-शनि के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संघर्ष, व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप बढ़ सकते हैं.

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-चुनाव में प्रतिकूलता
-शनि के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से चुनाव में सत्ताधारी दल को प्रतिकूलता का सामना करना पड़ सकता है.

-भारत की छवि और महत्ता बढ़ेगी
-शनि के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि और महत्ता बढ़ेगी. कूटनीतिक रूप से भी भारत सफल रहेगा.

-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से चिकित्सा के क्षेत्र में नवीन शोध सामने आएंगे.

-इसके अलावा ज्योतिष के जानकार ज्योतिषाचार्य पंडित आलोक पाण्डया प्राकृतिक आपदा व दुर्घटना के योग रहेंगे.

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-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धार्मिक स्थल पर भी कोई घटना हो सकती है.
इस समय शनिदेव कुंभ राशि यानी स्वराशिस्थ हैं. शनि 15 मार्च से 17 अक्टूबर तक शतभिषा नक्षत्र में ही रहेंगे. शतभिषा नक्षत्र राहु का नक्षत्र माना जाता है. इससे भारत की सामरिक शक्ति बढ़ने के योग भी हैं.



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