ईशा बिरोरिया/ ऋषिकेश. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियों के लिए 9 रत्न होते हैं. जबकि इनके 84 उपरत्न हैं. रत्न अपनी राशि के अनुसार ही पहने जाते हैं. जिस व्यक्ति पर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती या फिर राहु, केतु की महादशा चल रही हो, तो वह अगर राशिनुसार रत्न पहनता है, तो काफी लाभ होता है. वहीं इन्हें पहनने के अन्य फायदे भी हैं. सही रत्न धारण किया तो यह आपकी किस्मत चमका सकता है, लेकिन गलत रत्न आपको राजा से रंक भी बना सकता है.
उत्तराखंड में हरिद्वार के साथ-साथ ऋषिकेश में भी रत्नों का बड़ा कारोबार होता है. हर व्यक्ति की कुंडली में कोई न कोई ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में होता है. ऐसे समय में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अनेकों प्रकार के उपाय और रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. धन लाभ और सम्मान के लिए बृहस्पति ग्रह का मजबूत होना जरूरी है, जिसके लिए पुखराज रत्न पहना जाता है.
नकारात्मक ऊर्जा दूर
Local 18 के साथ बातचीत में ऋषिकेश में स्थित तिरुपति जेम्स पैलेस के मालिक गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि वह पिछले 35 सालों से रत्नों को तराशने और बेचने का काम करते हैं. ग्रह और राशि के अनुसार पहने गए रत्न हमें कई सारे लाभ देते हैं. पुखराज, मूंगा, माणिक, पन्ना, नीलम, मोती, गोमेद, हीरा और लहसुनिया मुख्यरत्न माने गए हैं. इन्हीं रत्नों को नवरत्न भी कहा जाता है. वहीं बाकी सभी उपरत्न कहलाते हैं. इनमें से पुखराज रत्न को सभी धारण कर सकते हैं. इस रत्न का कोई भी साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलता है. इसे पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
पुखराज रत्न के फायदे
गोपाल बताते हैं कि पुखराज पीले रंग का रत्न है जोकि मूल रूप से मीन, मेष, सिंह और धनु राशि के लोगों को पहनना चाहिए. वहीं अधिकतर लोग पुखराज पहने नजर आते हैं. पुखराज एक काफी लाभ देना वाला रत्न है. इसे कोई भी व्यक्ति पहन सकता है. माना जाता है कि पुखराज पहनने से व्यक्ति को व्यापार में धन लाभ प्राप्त होता है और समाज में उसका मान सम्मान बढ़ता है. इसे पहनने से काम में मन लगने लगता है. साथ ही शनि दोष के प्रभाव से भी छुटकारा मिलता है. इसके साथ ही क्योंकि यह बृहस्पति ग्रह को मजबूत बनाता है, इसलिए इसे बृहस्पतिवार को पहनना शुभ माना जाता है. खराब स्थिति में बृहस्पति ग्रह की वजह से विवाह में आने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है. पुखराज शिक्षा, करियर, धन-संपत्ति और दांपत्य जीवन के लिए लाभकारी सिद्ध होता है.
पुखराज कैसे पहनें?
पुखराज को सोने की अंगूठी में धारण करना चाहिए, तभी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है. इसे अन्य पीली धातु के साथ भी पहना जा सकता है. जब भी पुखराज पहनें, उसे दूध और गंगाजल से धोकर पवित्र कर लें. प्रातः काल स्नान आदि के बाद विधिपूर्वकदेव गुरु बृहस्पति की पूजा-अर्चना करें. पूजा के दौरान ॐ बृं बृहस्पतये नम:मंत्र का जाप करें. रत्न धारण करने की कामना का ध्यान करते हुए अंगूठी को अपनी तर्जनी उंगली में पहनें. ध्यान रहे कि अंगूठी में रत्न इस तरह लगाया गया हो कि उसका एक हिस्सा आपकी उंगली को छू रहा हो.
Disclaimer: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. Local 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.
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Tags: Local18, Zodiac Signs
FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 12:02 IST