Home Life Style शनि साढ़ेसाती या ढैय्या से हैं परेशान तो शनि जयंती पर पहनें ये रत्न, कुछ दिन में ही दूर होंगे सारे कष्ट!

शनि साढ़ेसाती या ढैय्या से हैं परेशान तो शनि जयंती पर पहनें ये रत्न, कुछ दिन में ही दूर होंगे सारे कष्ट!

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Shani Jayanti 2025 Upay: शनि का प्रिय रत्न अगर धारण करना चाहते हैं तो शनि जयंती से बढ़िया दिन आपको नहीं मिलेगा. इस दिन इस रत्न को धारण करने के तमाम फायदे हैं. जानें सब…

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शनि जयंती उपाय.

हाइलाइट्स

  • शनि जयंती पर नीलम रत्न धारण करें
  • नीलम न मिले तो जमुनिया पहनें
  • शनि जयंती 27 मई को रत्न धारण करें

Shani Jayanti 2025: शनि से हर शख्स घबराता है, क्योंकि शनिदेव की कुदृष्टि अगर पड़ गई तो अच्छा-भला इंसान, पागल हो सकता है. शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है. यह हर राशि में ढाई साल तक रहता है. जब शनि अपनी राशि बदलते हैं, तो तमाम राशियों पर इसका प्रभाव साढ़ेसाती, ढैय्या के रूप में पड़ता है. हालांकि, ज्योतिष शास्त्र में इन समस्याओं से निपटने के कई उपाय बताए गए हैं. इन्हीं उपायों में से एक बेहद कारगर उपाय शनि जयंती को किया जा सकता है. इस दिन शनि के प्रकोप से बचने के लिए जातक शनि का प्रिय रत्न धारण कर सकते हैं, जिससे कुप्रभाव में बचाव हो सकता है.

देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ और अशुभ प्रभाव डालती है, जिससे व्यक्ति के जीवन पर अच्छा और बुरा परिणाम मिलता रहता है. शनि देव जिस कुंडली में अशुभ स्थिति में होते हैं या कमजोर होते हैं, उस व्यक्ति का जीवन बेहद कष्टकारी हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र में रत्न का विशेष महत्व होता है. रत्न धारण करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है. कई ऐसे रत्न हैं, जिन्हें एक शुभ दिन में धारण करने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है.

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नीलम न खरीद पाएं तो ये रत्न पहनें 
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शनि के प्रकोप से बचने के लिए पूजा-पाठ के अलावा रत्न धारण करना भी लाभकारी होता है. जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव चल रहा है, उन्हें नीलम रत्न धारण करना चाहिए. अगर नीलम नहीं मिल सके, तो जमुनिया अवश्य धारण करें. इसे धारण करने से जीवन की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी.

कब और कैसे धारण करें
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए रत्न धारण करने का सबसे शुभ दिन शनि जयंती है, जो 27 मई को पड़ रही है. रत्न धारण करने से पहले उसे शुद्ध कर लें. शुद्ध करने के लिए गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें और शनि मंत्र का जाप करते हुए मध्यमा अंगुली में धारण करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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