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शरद पवार के एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पार्टी में घटनाक्रम तेज है। अब एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र आव्हाड ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार के इस्तीफा वापस ना लेने पर अपना पद छोड़ा है। जितेंद्र आव्हाड का कहना है कि वह शरद पवार के बिना पद पर नहीं रहेंगे। पद से इस्तीफा देने के बाद जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ‘मैंने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है और शरद पवार को भेजा है। ठाणे एनसीपी के सभी पदाधिकारियों ने भी अपने पद छोड़ दिए हैं। शरद पवार के फैसले के बाद लोग इस्तीफे दे रहे हैं।’
जितेंद्र आव्हाड को शरद पवार के बेहद करीबी और भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। वह सुप्रिया सुले से भी अच्छे संबंध रखते हैं। माना जा रहा है कि अजित पवार खेमे पर दबाव बनाने के लिए शरद पवार के बाद दूसरे नेताओं के भी इस्तीफों का दांव चला जा रहा है। इस बीच मुंबई के यशवंत राव ऑडिटोरियम में एनसीपी की मीटिंग चल रही है। इस बैठक में सुप्रिया सुले, अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता मौजूद हैं और शरद पवार के साथ वार्ता चल रही है।
मीटिंग में पहुंचने से पहले अजित पवार ने अध्यक्ष बनने के सवाल पर कहा कि मैं नहीं बनूंगा। उन्होंने कहा कि इस बात का सवाल ही नहीं उठता है। यदि मुझे अध्यक्ष बनने को कहा भी जाएगा तो मैं इससे इनकार कर दूंगा। माना जा रहा है कि अजित पवार खुद अध्यक्ष बनने की बजाय अपने किसी करीब जैसे प्रफुल्ल पटेल को अध्यक्ष बनवा सकते हैं। वह खुद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं।
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हालांकि जिस तरह से शरद पवार खेमा आक्रामक है और अपने नेता के लिए भावुक है, उससे खींचतान बढ़ती दिख रही है। इस्तीफा देने से पहले जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार से अपील की थी कि वह अपना फैसला ले लें। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि शरद पवार खुद ही यह फैसला नहीं ले सकते। उन्हें कार्यकर्ताओं की भावना को समझना होगा, जो उनके अलावा किसी को स्वीकार नहीं कर सकते।
अजित पवार पर हमला- लोग शरद पवार के लिए प्यार नहीं रोक सकते
आव्हाड ने इस दौरान अजित पवार पर हमला भी बोला। जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ‘कल किसी ने हमसे कहा कि आप जाकर साहब को इस्तीफा वापस लेने के लिए मत कहिए। लेकिन लोग शरद पवार को प्यार करते हैं। आप उनके प्यार को रोक नहीं सकते। कल शरद पवार ने तो यहां तक कह दिया कि इस बात का विरोध मत करो। लोग वैसे भी करेंगे।’