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केरल में शराब की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है। शराब के दाम कम करने की मांग को लेकर मलप्पुरम जिले के नीलांबुर में कुछ लोगों को विरोध-प्रदर्शन करते देखा गया। बताया जा रहा है कि इस तरह का यह पहला प्रदर्शन है। प्रदर्शनकारी शराब कर से ‘लूट’ को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘शराब की कीमतों में सरकार की ओर से कई गई बढ़ोतरी का विरोध करने वाला कोई नहीं है। इसलिए ऐसा लगता है कि हमें अपनी शिकायत ही खुद उठानी चाहिए।’
शराब की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शनकारी बहुत नाराज हैं। उन्होंने अपनी चिंता शेयर करते हुए कहा कि केरल में शराब की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। एक शख्स ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो उनके पास अपने रोजाना के खर्च के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘आम आदमी 700 या 800 रुपए में काम करता है। जब वह घर वापस जाता है तो उसके पास परिवार को देने के लिए एक पैसा भी नहीं बचता है।’
कीमतों में 20 रुपये तक की हुई थी बढ़ोतरी
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में केरल में शराब की कीमतों में 20 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई थी। राज्य कैबिनेट की ओर से सामान्य बिक्री टैक्स में 4 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी देने के बाद शराब की कीमतों में इजाफा हुआ। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल सामान्य बिक्री कर (संशोधन) विधेयक को पारित करने के लिए अपनी सहमति दी। इसके बाद शराब की कीमतों में यह बढ़ोतरी हुई।
इसी के साथ अलग-अलग भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) ब्रांडों की कीमत 10 रुपये से 20 रुपये तक बढ़ गई, जबकि शराब और बीयर की कीमत में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। पिछले 7 सालों के आंकड़ों से पता चलता है कि 2015-16 में केएसबीसी की कुल बिक्री 11,577 करोड़ रुपये थी, जो 2019-20 में 14,707 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। अगले वित्त वर्ष में घटकर 13,212 करोड़ रुपये हो गई, जब राज्य कोविड-19 महामारी से जूझ रहा था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)