सनन्दन उपाध्याय/बलिया: अनेक प्रकार के काढ़े के बारे में तो अपने सुना होगा, लेकिन आज हम जिस काढ़े की बात कर रहे हैं वह काफी फायदेमंद काढ़ा है. इसे स्वस्थ व्यक्तियों के लिए अमृत एवं रोगियों के लिए वरदान भी कहा जाता है. जी हां हम बात कर रहे हैं आसानी के साथ मिलने वाले सहजन और सहजन के पत्तियों की, जिसे अमृत कहें तो कोई गलत नहीं होगा. इसका वर्णन आयुर्वेद में भी किया है. यह काढ़ा कई बीमारियों को शरीर से बाहर निकाल फेंकता है.
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने Local18 से बातचीत में बताया कि सहजन की पत्तियों का काढ़ा स्वस्थ व्यक्तियों के लिए अमृत और रोगियों के लिए वरदान है. यह एक नहीं बल्कि अनेक रोगों में रामबाण का काम करता है. आयुर्वेद में तो 300 से अधिक रोगों में इसका वर्णन है.
यह हैं इसके फायदे
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. प्रियंका सिंह ने आगे कहा कि सहजन का साधारण रूप में लोग बहुत प्रयोग करते हैं, लेकिन इसके औषधीय गुणों से कहीं न कहीं लोग अपरिचित भी होते हैं. आयुर्वेद में तो 300 से अधिक रोगों में इसका वर्णन मिलता है. आचार्य भाव प्रसाद ने इसको सिग्रू कहा है. सिग्रु का मतलब यह है कि तीर की तरह धातुओं के अंदर तेजी के साथ जाता है, जिससे शोधन आसान होता है. पसीने के माध्यम से जो गंदगी निकालने की विधि है उसमें इसका प्रयोग बहुत अच्छा बताया गया है. पेट के कीड़े को भी नष्ट करने में यह कारगर है. इसमें बहुत ज्यादा विटामिन ए, विटामिन बी 1, बी 2, बी 6, बी 12 पाया जाता है. इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के बीमारियों में किया जाता है. यह शरीर से कई बीमारियों को बाहर निकाल फेंक देता है. डायबिटीज में इसकी पत्तियां गुणकारी हैं. इससे शुगर लेवल काफी कम हो जाता है. इसका काढ़ा जोड़-जोड़ों का दर्द, पुराने दर्द, मांसपेशियों का दर्द और हड्डी का दर्द समेत कई असहनीय दर्द को खत्म कर देता है.
अगर इसकी पत्तियों को पीसकर सरसों के तेल में गर्म करके लेप लगाया जाए, तो जोड़ों के दर्द में बहुत राहत मिलती है. इसके अलावा यह चर्म रोग, मोटापा और चर्बी में भी बहुत अच्छा लाभकारी है. कोलेस्ट्रॉल और बीपी को भी कम करने के साथ पेट के रोग में भी यह कारगर है. आजकल इसका कैंसर में भी रिसर्च चल रहा है कि यह कैंसर में कितना अच्छा परिणाम दे सकता है. इसमें बहुत ज्यादा कैल्शियम होता है, जो हड्डी के लिए बहुत लाभकारी होता है. इसकी पत्तियां किडनी के लिए तो एक तरह से संजीवनी बूटी से कम नहीं है. स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी यह वरदान है.
लाभ के साथ हानि भी सतर्क रहें
यह जितना गुणकारी है उतना ही हानिकारक भी है. इसलिए बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लिए इसके पत्तियों का सेवन करना उचित नहीं होता है. जिनको बहुत ज्यादा गर्मी लगती हो शरीर में फोड़े फुंसी निकलते हो या जिनको खूनी बवासीर हो और गर्भवती महिलाएं इसका प्रयोग न करें.
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 10:16 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.