Monday, July 8, 2024
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शरीर को फौलाद बना देता है विटामिन डी, हार्ट की बीमारियों को फटकने भी नहीं देता, इन फूड से करें भरपाई


हाइलाइट्स

शरीर में अगर विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा हो तो यह हार्ट से संबंधित बीमारियों को कभी शरीर में नहीं फटकने देता है.
विटामिन डी क्षतिग्रस्त या टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करने में भी मदद करता है.

Vitamin D help to reduced Cholesterol: विटामिन डी वसा में घुलनशील पोषक तत्व है. विटामिन डी के कारण ही शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस का अवशोषण होता है. विटामिन डी अगर शरीर में पर्य़ाप्त मात्रा में रहे तो यह गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को खत्म करता है. हार्वर्ड मेडिकल रिसर्च के मुताबिक विटामिन डी शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने नहीं देता है और कोशिकाओं से सूजन को खत्म करने में मदद करता है. अध्ययन के मुताबिक हमारे शरीर के कई अंगों और उत्तकों में विटामिन डी की पहुंच है जिसका इस्तेमाल हड्डियों का मजबूती से कहीं आगे होता है. वैज्ञानिक इस बात की खोज में लगे हैं कि विटामिन डी से किन-किन बीमारियों का बचाव हो सकता है.

यूं तो विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत सूरज की रोशनी है लेकिन कई अन्य चीजों से भी विटामिन डी को प्राप्त किया जा सकता है. विटामिन डी हार्ट से संबंधित कई बीमारियों को होने से रोकता है. विटामिन डी की सही मात्रा मूड को बेहतर बनाता है.

विटामिन डी से शरीर को फायदा

1. हार्ट डिजीजः इकोनोमिक्स टाइम्स ने एक्सपर्ट के हवाले से बताया है कि शरीर में अगर विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा हो तो यह हार्ट से संबंधित बीमारियों को कभी शरीर में नहीं फटकने देता है.  विटामिन डी बैड कोलेस्ट्रॉल को खत्म कर देता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता है. विटामिन डी अगर पर्याप्त मात्रा में हो तो हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है. यानी इन बीमारियों को पपने से रोकने के लिए शरीर फौलाद बनकर सामने खड़ा हो जाता है.

2.इम्यूनिटी-विटामिन डी अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में हो तो टी-सेल्स का प्रोडक्शन तेज हो जाता है. टी-सेल ही इम्यूनिटी का सबसे प्रमुख हथियार है. इसके कारण शरीर में किसी तरह के बाहरी आक्रमण यानी वायरस, बैक्टीरिया, फंगस आदि के संक्रमण को रोक देता है. इन्हीं तीन सूक्ष्मजीवों के कारण शरीर में कई बीमारियां होती है.

3.हाई बीपी-कई अध्ययनों केआधार पर यह पाया गया है कि विटामिन डी की सही माात्रा हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी के जोखिम को बहुत हद तक कम कर देती है.

4.मूड सही करता-विटामिन डी रोजाना के आधार पर आपके मूड को ठीक कर देता है खासकर सर्दी और महीने के नीरस भरे समय में. अध्ययनों के मुताबिक विटामिन डी 3 की कमी के कारण मौसम के ढलाने पर होने वाले अवसाद यानी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) होता है. रोशनी के अभाव में विटामिन डी 3 की कमी हो जाती है.

5.मसल्स ग्रो-विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होने से मसल्स का ग्रोथ अच्छे से होता है. मसल्स अगर मजबूत नहीं होते हैं तो हम बार-बार गिर जाते हैं जिससे हड्डियों में फ्रेक्चर हो सकता है. बुजुर्गों में इससे बहुत अधिक परेशानी हो सकती है.

6. कैंसर से बचाव-विटामिन डी क्षतिग्रस्त या टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करने में भी मदद करता है. अध्ययनों में बताया गया है कि विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकती है.

किस फूड में ज्यादा होता है विटामिन डी
हार्वर्ड मेडिकल के मुताबिक कॉड लिवर ऑयल में विटामिन डी पाया जाता है. वैसे तो बहुत कम चीजों में विटामिन डी पाया जाता है. विटामिन डी प्राप्त करने के लिए सबसे बेहतर सूरज की रोशनी है. वहीं कई तरह की खास मछलियों में विटामिन डी के पर्याप्त स्रोत होते हैं. सेलमन, स्वॉर्डफिश, टूना मछली, ऑरेंज जूस, सार्डिंस, अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड अनाज में विटामिन डी भरे होते हैं. साबुत अनाज में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में होता है.

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