हाइलाइट्स
किडनी में परेशानी से टॉक्सिन मैटेरियल दिमाग जमा हो सकता है. इस स्थिति में कंस्ट्रेशन या एकाग्रता में कमी होने लगती है.
जब लंग्स में वेस्ट मैटेरियल जमा होने लगे तो फेफड़े में सूजन होने लगेगी और सांस फूलने लगेगा.
Symptoms of Kidney Disease: किडनी (Kidney) हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. किडनी के बिना ज्यादा दिनों तक जीवन नहीं टिक सकता है. हम जो चीजें खाते हैं, वे सब पेट में पचने के दौरान तरह-तरह के पोषक तत्वों के साथ-साथ बेहिसाब हानिकारक रसायन भी रिलीज करते हैं. इन हानिकारक रसायनों को शरीर से बाहर निकालना जरूरी है, वरना हमारे शरीर के अंदर जहर भऱ जाएगा. किडनी यही काम करती है. एक तरह से यह फिल्टरेशन का काम करती है. आवश्यक पोषक तत्वों को छानकर शरीर के अंदर खून में पहुंचा देती है बाकी हानिकारक जहर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है. हमारे शरीर में जितने में आवश्यक अंग है सबके सब खुद ही अपनी रक्षा या साफ-सफाई कर लेते हैं लेकिन जब हम इन अंगों की सेहत के बारे में न सोचकर सिर्फ स्वाद के बारे में सोचते हैं तो इन अंगों पर भी आफत आने लगती है. हमारी कई गंदी आदतें हैं जिनसे हमारी किडनियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. जब हमारा खान-पान में हानिकारक चीजें ज्यादा हो जाएगी तो किडनी भी इसे पूरी तरह फिल्टर करने में असमर्थ हो जाएगी. ऐसी ही स्थिति में किडनी खराब होने लगती है. दिलचस्प बात यह है कि किडनी में खराबी अचानक नहीं आती. यह बहुत धीरे-धीरे होती है और लोगों को पता भी नहीं चलता कि उनकी किडनी खराब होने वाली है. ऐसी स्थिति में कुछ संकेतों के माध्यम से आप यह समझ सकते हैं कि आपकी किडनी खराब होने वाली है.
किडनी खराब होने के संकेत
1. पैरों में सूजन- मायो क्लिनिक के मुताबिक अगर पैरों में सूजन हो जाए तो कोई भी सामान्य व्यक्ति यह नहीं समझेगा कि यह किडनी खराबी से संबंधित भी हो सकता है. लेकिन पैरों में सूजन किडनी खराबी के भी संकेत हो सकते हैं. क्योंकि किडनी खराब होने पर हीमोग्लोबिन का बैलेंस बिगड़ जाता है जिसका असर पैरों में देखने को मिलता है. इसलिए पैरों में अनावश्यक सूजन को नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
2. भूख पर असर-भूख कई स्थितियों में कम लग सकती है लेकिन जब किडनी वेस्ट मैटेरियल को फ्लश आउट करना कम कर देती है तो इससे पेट में हलचल मचने लगती है. जी मितलाने लगता है. क्योंकि पेट का अंदर वेस्ट प्रोडक्ट कई तरह के हानिकारक रसायनों से भरा रहता है. ऐसे में उल्टी भी होने लगती है और भूख कम लगती. यहां तक कि पेट में दर्द भी हो सकता है.
3. कंस्ट्रेशन की कमी– किडनी में परेशानी से टॉक्सिन मैटेरियल दिमाग जमा हो सकता है. इस स्थिति में कंस्ट्रेशन या एकाग्रता में कमी होने लगती है. कभी-कभी अचानक बेहोशी भी हो सकती है.
4. सांस फूलने लगेगा-सांस फूलना सिर्फ हार्ट की दिक्कतें नहीं हो सकती. अगर किडनी सही तरीके से वेस्ट मैटेरियल नहीं निकालेगी तो यह लंग्स में भी जा सकती है. जब लंग्स में वेस्ट मैटेरियल जमा होने लगे तो फेफड़े में सूजन होने लगेगी और सांस फूलने लगेगा. सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
5. स्किन में रेशेज- अगर वेस्ट मैटेरियल स्किन के नीचे जमा होने लगे तो स्किन में रैशेज, इरीटेशन खुजली, होने लगती है. यानी किडनी की दिक्कतें स्किन को भी प्रभावित करती है.
6. पेशाब में दिक्क्त- हालांकि किडनी खराबी का सबसे पहला संकेत पेशाब में दिक्कतों से ही शुरू होती है. क्योंकि किडनी का सीधा संबंध पेशाब से है. किडनी ही पेशाब बनाती है. किडनी सभी तरह के वेस्ट मैटेरियल को पेशाब के रास्ते ही बाहर निकालता है. किडनी खराबी की स्थिति में पेशाब की मात्रा में परिवर्तन होने लगता है. इसके साथ ही पेशाब का रंग और स्मैल भी बदल सकता है. किडनी पर लोड ज्यादा होने से पेशाब से प्रोटीन आने लगेगा जिसके कारण पेशाब में झाग बनने लगेगा.
किडनी की दिक्कतें होने पर ये करें
इस तरह के किसी भी संकेत को नजरअंदाज न करें. अगर ये संकेत कुछ दिनों तक लगातार रहें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. नेफ्रोलॉजिस्ट इन सबके लिए हीमोग्लोबिन, किरेटेनिन, यूरिया, सोडियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, पेशाब आदि की जांच कराएंगे. अगर सामान्य दवा से ठीक नहीं होती तो अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है. वहीं किडनी के लिए रोजाना की डाइट में हरी पत्तीदार सब्जियों को शामिल करें. इसके अलावा साइट्रस फ्रूट्स का सेवन करें. नियमित एक्सरसाइज और सही डाइट किडनी को खराब होने से बचाएगी.
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Tags: Health, Health tips, Kidney, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : September 03, 2023, 12:29 IST