Monday, July 8, 2024
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शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं, संसद के विशेष सत्र पर सरकार का सोनिया गांधी को जवाब


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कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी के संसद के विशेष सत्र को लेकर पीएम मोदी को लिखे गए पत्र पर सरकार ने जवाब दिया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोनिया गांधी पर संसद के कामकाज का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। जोशी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर यह जवाब दिया। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद 18 सितंबर से संसद सत्र आहूत किया गया है। इसके लिए राजनीतिक दलों से पूर्व में कभी भी परामर्श नहीं किया गया। 

सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ”शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है। संसद सत्र बुलाने से पहले न कभी राजनीति दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती। महामहिम राष्ट्रपति जी के सत्र बुलाने के बाद और सत्र आरंभ होने के पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है, जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है।” प्रह्लाद जोशी ने कहा, ”मैं यह बताना चाहूंगा कि हमारी सरकार किसी भी मुद्दे पर हमेशा चर्चा करने के लिए तैयार रहती है। वैसे तो आपने जिन मुद्दों का उल्लेख किया है, वह सभी मुद्दे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कुछ ही समय पूर्व मॉनसून सत्र के दौरान उठाए गए थे और सरकार द्वारा उन पर जवाब भी दिया गया था।”

पत्र में आगे कहा गया है कि सत्र की कार्यसूची हमेशा की तरह स्थापित आचरण के अनुसार उचित समय पर परिचालित की जाएगी। मैं यह भी फिर से ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हमारी संसदीय कार्यप्रणाली में चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो, आजतक संसद बुलाने के समय पहले से कभी भी परिचालित नहीं की गई। मुझे पूरा विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी और इस मंच का इस्तेमाल राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा।

सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए। उन्होंने पत्र में कहा, “मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया। इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है।” 



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