हिमाचल प्रदेश में जारी भारी बारिश के बीच राजधानी शिमला से एक भयभीत कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां के कृष्णनगर में भारी लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें स्लॉटर हाउस सहित कई घर जमींदोज हो गए। इस लैंडस्लाइड में 6 घरों के गिरने की सूचना है। इसके नीचे शहर का स्लॉटर हाउस भी चलता था। घर समेत स्लॉटर हाउस पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गया, जिसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है किस तरह से पेड़ गिरने के बाद स्लॉटर हाउस की बिल्डिंग धराशाई हो गई।
देखते ही देखते अन्य भवन भी नीचे जा गिरे
वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले एक पेड़ भवन पर गिरा और देखते ही देखते अन्य भवन भी नीचे जा गिरे। इसके साथ अन्य भवन भी चपेट में आया है। ऐसी आशंका है कि स्लॉटर हाउस में काम करने वाले कई मजदूर इसमें दबे हो सकते हैं। इस मामले की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन से लेकर सभी अधिकारी मौके की तरफ रवाना हो रहे हैं। राहत बचाव कार्य जारी है। मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
पहाड़ी पर बने घर भी चपेट में आ गए
बताया जा रहा है कि पहले स्लॉटर हाउस के पीछे बड़ा पेड़ गिरा। इसके बाद स्लॉटर हाउस गिरा। इसके गिरने से पहाड़ी पर बने घर भी इसके चपेट में आ गए। इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। जो स्लॉटर हाउस गिरा है वह शिमला नगर निगम का है। कृष्णा नगर में पहले भी कई बार इस तरह के हादसे होते रहे हैं, क्योंकि यह कॉलोनी नाले के साथ बनी हुई है।
भारी बारिश की तबाही में 50 से ज्यादा मौतें
वहीं, हिमाचल प्रदेश में बारिश से हुई भारी तबाही के बीच 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें से 14 लोगों की मौत शिमला में हुईं भूस्खलन की दो घटनाओं में हुई। शिमला के समरहिल इलाके स्थित शिव मंदिर के मलबे में अभी भी 25 से 30 के दबे होने की आशंका है। वहीं जुतोघ और समरहिल के बीच कालका-शिमला रेलवे ट्रैक बारिश के कारण उखड़ गया जिससे ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की।
राज्य में 18 अगस्त तक बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने हिमाचल में मंगलवार को भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और 18 अगस्त तक राज्य में बारिश का अनुमान जताया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, 24 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से राज्य को अब तक 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चालू मानसून सीजन में राज्य में बादल फटने और भूस्खलन की कम से कम 170 घटनाएं सामने आई हैं और लगभग 9,600 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।