Home National शिवसेना के भी नाथ बने एकनाथ शिंदे, कहा- अब हम ही पार्टी हैं, शिंदे गुट न कहें

शिवसेना के भी नाथ बने एकनाथ शिंदे, कहा- अब हम ही पार्टी हैं, शिंदे गुट न कहें

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शिवसेना के भी नाथ बने एकनाथ शिंदे, कहा- अब हम ही पार्टी हैं, शिंदे गुट न कहें

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शिवसेना के असली नाथ अब एकनाथ शिंदे होंगे। चुनाव आयोग द्वारा असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के बाद मंगलवार को एकनाथ शिंदे को शिवसेना प्रमुख नामित किया गया। पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया। पिछले हफ्ते निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देते हुए पार्टी चुनाव चिह्न ‘‘तीर-कमान’’ भी आवंटित कर दिया था। नए शिवसेना प्रमुख चुने जाने के बाद महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने पत्रकारों से कहा, “आज हमने सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बैठक की। एकनाथ शिंदे हमारी शिवसेना पार्टी के प्रमुख होंगे। हम उन्हें शिवसेना के नेता के रूप में स्वीकार करते हैं।” 

अब हमें ‘शिंदे धड़ा’ न कहें- शिवसेना

इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना धड़े की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले इस गुट ने मीडिया से उसे ‘शिंदे धड़ा’ कहने की बजाया शिवसेना कहने का आह्वान किया है। मीडिया घरानों से इस आशय का अनुरोध करते हुए पार्टी सचिव संजय भौराव मोरे द्वारा एक पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है, ‘‘निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार शिंदे गुट कहने के बजाय उसे शिवसेना कहा जाना चाहिए। आपके प्रतिनिधि को आगे के कवरेज के लिए विस्तृत सूचना दी जानी चाहिए।’’

अन्य संपत्ति को कोई दिलचस्पी नहीं- शिंदे के मंत्री

इस बीच महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे गुट मुंबई में शिवसेना भवन या राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी खेमे से जुड़ी किसी भी अन्य संपत्ति को लेने में दिलचस्पी नहीं रखता। केसरकर ने दावा किया कि ठाकरे का नेतृत्व वाला प्रतिद्वंद्वी गुट निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद इस मुद्दे पर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के प्रवक्ता केसरकर ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे चुनाव चिह्न ‘‘धनुष और तीर’’ आवंटित करने के बाद उसकी पार्टी कोष पर दावा करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं है।

उन्होंने कहा कि शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनका गुट शिवसेना भवन, मध्य मुंबई के दादर स्थित पार्टी मुख्यालय, या ठाकरे समूह से जुड़ी किसी भी संपत्ति पर दावा करने में दिलचस्पी नहीं रखता तथा दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा दिये गए विचार उनकी असली संपत्ति है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए केसरकर ने कहा, ‘‘यह गलत धारणा है कि हम शिवसेना भवन या उद्धव ठाकरे से जुड़ी किसी अन्य संपत्ति को अपने कब्जे में लेने जा रहे हैं। हमें पार्टी कोष में भी कोई दिलचस्पी नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे इस मुद्दे से सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें कुछ नहीं चाहिए क्योंकि हमारे पास दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचार हैं।’’

उद्धव गुट की याचिका पर बुधवार को न्यायालय में सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े की उस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता देने और उसे ‘धनुष बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है।

ठाकरे खेमे की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी एवं न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मंगलवार को इस मामले का जिक्र किया। सिब्बल ने अनुरोध किया, ‘‘ईसी (निर्वाचन आयोग) के आदेश पर यदि रोक नहीं लगाई जाती है, तो वे चिह्न और बैंक खाते अपने कब्जे में ले लेंगे। कृपया इसे संविधान पीठ के समक्ष कल के लिए सूचीबद्ध कीजिए।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे मामले की फाइल पढ़ने की जरूरत है और उसने मामले की सुनवाई को बुधवार अपराह्न साढ़े तीन बजे के लिए स्थगित कर दिया। ठाकरे खेमे की याचिका में कहा गया कि उठाये गये बिंदुओं का उन मुद्दों से सीधा संबंध है जिन पर संविधान पीठ विचार कर रही है।

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