[ad_1]
हाइलाइट्स
जलाभिषेक हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें.
शिव पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए.
शिवलिंग की पूजा करें तो सबसे पहले आचमन आदि से शुद्धि जरूर कर लें.
सावन माह में भगवान शिव शंकर की पूजा की जाती है. शिव कृपा से जीवन के हर संकट और कष्ट दूर होते हैं. मन की मुराद पुरी होती है. भगवान शिव की पूजा के कुछ नियम हैं, जिसका पालन करना जरूरी है. नियमपूर्वक पूजा करने से शिव कृपा जल्द प्राप्त होगी. भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाना हो, जल से अभिषेक करना हो या फिर शिवलिंग की परिक्रमा करनी हो, सबका अपना नियम है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं शिव पूजा के महत्वपूर्ण नियमों के बारे में.
शिव पूजा के महत्वपूर्ण नियम
1. जलाभिषेक की सही विधि: जब भी भगवान शिव की पूजा करें तो शिवलिंग पर गंगाजल, साफ पानी या फिर गाय के दूध से अभिषेक करें. यह रुद्राभिषेक से अलग है क्योंकि यह नियमित पूजा से जुड़ा है, जबकि रूद्राभिषेक एक लंबी प्रक्रिया है. शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलधारा पतली और धीमी गति के साथ गिरे. तीव्र गति के साथ जलाभिषेक न करें.
यह भी पढ़ें: आपके पास नहीं है बेलपत्र? न हों परेशान, शिवलिंग पर अर्पित करें 5 वस्तुएं, शिव कृपा से चमक जाएगी किस्मत
जलाभिषेक हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि शिवलिंग का जलाभिषेक बैठकर या झूककर करें. सीधे खड़े होकर जलाभिषेक नहीं करना चाहिए.
2. बेलपत्र अर्पण: बलेपत्र के बिना शिव जी की पूजा अधूरी है. 3 पत्तों वाला साबुत बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करें. बेलपत्र को चिकने सतह की तरफ से शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र के अलावा आप भांग, धतूरा, आक या मदार का फूल, शमी के पत्ते आदि भी अर्पित कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: सावन में करें बेलपत्र के 5 आसान उपाय, धन-दौलत से भर जाएगी झोली, मिलेगा संतान सुख और कार्य में सफलता
3. शिवलिंग की परिक्रमा: शिव पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. शिवलिंग के बाईं ओर से परिक्रमा शुरू करें और अर्धचंद्राकार स्थिति तक जाकर वापस अपने स्थान पर लौट आएं. शिवलिंग के जलहरी यानि अभिषेक के दौरान जहां से जल नीचे की तरफ गिरता है, उसे लांघते नहीं हैं. इस वजह से हमेशा शिवलिंग की आधी परिक्रमा करते हैं.
4. शुद्धि के बाद ही करें शिव पूजा: जब भी आप शिव मंदिर जाएं या घर पर शिवलिंग की पूजा करें तो सबसे पहले आचमन आदि से शुद्धि जरूर कर लें. स्वयं को शुद्ध करने के बाद ही पूजन करें.
5. शिव जी को क्या न चढ़ाएं: शिव पूजा में ध्यान रखें कि तुलसी, सिंदूर, हल्दी, नारियल, शंख, केतकी का फूल आदि का उपयोग नहीं करना है. ये सभी वस्तएं शिव पूजा में वर्जित हैं.
.
Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Sawan
FIRST PUBLISHED : July 07, 2023, 12:03 IST
[ad_2]
Source link