Home Life Style श्रीकृष्ण का प्रिय पेड़ फल-फूल नहीं, देता है चमत्कारी मोती, इसकी माला पहनने से खुल जाएगी किस्‍मत

श्रीकृष्ण का प्रिय पेड़ फल-फूल नहीं, देता है चमत्कारी मोती, इसकी माला पहनने से खुल जाएगी किस्‍मत

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हाइलाइट्स

वैजयंती की मोतियों से बनी माला भगवान कृष्ण के गले में भी सुशोभित होती है.
धरती मां ने भगवान कृष्ण को सृष्टि की रक्षा करने के लिए वैजयंती माला भेट की थी.

Vaijanti Mala Ke Totke: शरीर पर धारण की जाने वाली हर चीज का विशेष महत्व होता है. चाहें वो कोई रत्न हो, धातु हो या फिर कोई माला. शास्त्रों में एक ऐसी ही चमत्कारी माला का जिक्र किया गया है, जिसके मोती आपकी किस्मत को बदल सकते हैं. ये मोती किसी समुद्र के किनारे नहीं, बल्कि एक पेड़ से प्राप्त होते है. इन मोतियों से बनी माला भगवान कृष्ण के गले में भी सुशोभित होती है. कहा जाता है कि धरती मां ने भगवान कृष्ण को सृष्टि की रक्षा करने के लिए वैजयंती माला श्रद्धा और प्रेम से भेट की थी. इसी वजह से श्रीकृष्ण को वैजयंती का पेड़ बेहद प्रिय है. ज्योतिष शास्त्र में वैसे तो रुद्राक्ष और तुलसी आदि की माला को भी बहुत महत्‍व दिया गया है, लेकिन वैजयंती माला को विशेष रूप से पूजा-पाठ और जीवन में आ रही की समस्याओं का समाधान पाने के लिए उपाय के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से जानते हैं वैजयंती के बीज की माला पहनने के लाभ-

भगवान विष्णु और कृष्ण भी वैजयंती माला करते हैं धारण

वैजयंती की माला को भगवान विष्‍णु और भगवान कृष्‍ण भी धारण करते हैं. इसलिए इन मोतियों से बना माला बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं कि, जो भक्‍त वैजयंती के बीजों से बनी माला को धारण करते हैं उन पर श्रीकृष्‍ण और विष्‍णु जी की विशेष कृपा बनी रहती है. वहीं, इस माला को लक्ष्‍मी कारक भी माना गया है. लिहाजा यह माला पहनते ही जातक की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आता है. घर में खुशियों का वास हो जाता है. इसके अलावा उसे कभी नुकसान नहीं होता और उस पर काले जादू या तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता है.

वैजयंती माला से जुड़ी मान्यता

वैसे तो वैजयंती माला से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं, लेकिन एक मान्यता ये भी कि एक बार भगवान श्रीराम ने माता वैष्णो देवी को अगले जन्म में उन्हें विवाह का वचन देते हुए अपने गले से वैजयंती माला उतारकर भेंट की थी. इसके साथ ही वचन भी दिया था कि अगले जन्म में वह उनसे ही विवाह करेंगे. इसलिए माता वैष्णो को वैजयंती पुष्प और माला काफी प्रिय है. ऐसे में इस माला को धारण करने से माता वैष्णो की भी कृपा होती है.

वैजयंती माला साथ रखने या पहनने के फायदे

निगेटिविटी दूर होगी: यदि कोई व्यक्ति वैजयंती माला को धारण करता है तो उसके अंदर और बाहर सकारात्‍मक ऊर्जा प्रवेश करती है. इससे आपके आसपास से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. इस माला को धारण करने से आपको मानसिक सुकून मिलेगा और हर कार्य में सफलता और सम्मान प्राप्‍त होगा.

आत्‍मविश्‍वास में बढ़ोतरी: वैजयंती माला धारण करने से सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ता है. दरअलस, जब आप सकारात्‍मक रहते हैं तो आप बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं. जिससे आपको हर काम में सफलता मिलने लगती है. ऐस में आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ता है.

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धनी की कमी दूर होगी: वैजयंती की माला पहनने से धन संकट दूर होता है. क्योंकि, भगवान विष्णु की अर्धागिनी हैं मां लक्ष्मी. ऐसे में यदि आपके पास भगवान विष्णु की पसंदीदा चीज होगी तो देवी लक्ष्‍मी का आशीर्वाद भी प्राप्‍त होता रहेगा. इसको धारण करने से व्यापार में लाभ होता है. साथ ही इसे पवित्र स्थान पर रखने से पदोन्नति में भी लाभ होता है.

मेमोरी पावर बढ़ाए: वैजयंती माला धारण करने से आपका दिमाग तेज और शार्प होता है. अगर आप अपने साथ वैजयंती माला रखें तो इससे एकाग्रता बढ़ती है और सही दिशा में सोचने की शक्ति मिलती है. जिससे इंसान हर क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त करता है.

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विवाह में रुकावट दूर होगी: यदि लंबे समय से विवाह टल रहा है या शादी नहीं हो पा रही तो उन्‍हें केले के पेड़ का पूजन करना चाहिए और नियमित वैजयंती माला से 108 बार ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से शादी में बाधा दूर होती है. साथ ही वैजयंती माला साथ रखने से एकाग्रता बढ़ती है और सही दिशा में सोचने की शक्ति मिलती है.

वैजयंती माला पहनने की विधि: वैजयंती माला धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार और लक्ष्मी जी की साधना करने के लिए शुक्रवार के दिन स्नान आदि के बाद पूजन करें और ऊं वैष्णवायै नम: की माला का जप करें. यदि आपके कोई गुरु है तो उनके मंत्र का जप करें और गुरु नहीं है तो ऊं नमो: भगवते वासुदेवाय का कम से कम 108 बार जप करें. साथ ही गरीबों को कुछ दान करें. हो सके को गरीबों में कोई मिठाई जरूर बांटें. इसके बाद वैजयंती माला धारण करें.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion



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