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क्या भारत आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद करेगा? इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि भारत कई बार स्पष्ट कर चुका है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का सहारा लेना नहीं छोड़ता है तब तक भारत उससे किसी तरह की बात नहीं करेगा। एक बार फिर से पाकिस्तान की मदद को लेकर विदेश मंत्री ने बयान दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि संकटग्रस्त पाकिस्तान की मदद करने या न करने पर फैसला लेने से पहले मोदी सरकार स्थानीय लोगों की भावनाओं को देखेगी।
मैं सबसे पहले नब्ज टटोलूंगा- जयशंकर
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत मुसीबतों का सामना कर रहे अपने पड़ोसी देश की मदद करेगा, जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों का मूलभूत मुद्दा है, जिससे कोई बच नहीं सकता है और “हम मूलभूत समस्याओं से इनकार नहीं कर सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “…अगर मुझे कोई बड़ा फैसला लेना है, तो मैं यह भी देखूंगा कि जनता की भावना क्या है। मैं सबसे पहले नब्ज टटोलूंगा कि मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते हैं। और मुझे लगता है कि आपको इसका जवाब पता है।”
पाकिस्तान का ‘बुनियादी उद्योग’ आतंकवाद
जयशंकर ने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी देश अपनी समस्याओं से बाहर नहीं निकल सकता और समृद्ध नहीं हो सकता अगर उसका ‘बुनियादी उद्योग’ आतंकवाद है। विदेश मंत्रालय द्वारा यहां आयोजित एशिया आर्थिक संवाद में उन्होंने कहा, “कोई भी देश कभी भी मुश्किल स्थिति से बाहर नहीं निकल सकता और एक समृद्ध शक्ति नहीं बन सकता, अगर उसका मूल उद्योग आतंकवाद है।”
विदेश मंत्री ने उसकी आर्थिक दुर्दशा को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने सुझाव दिया कि आतंकवादी समूहों को पड़ोसी देश का समर्थन ही उसकी आर्थिक समृद्धि के लिए बड़ी बाधा है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब जयशंकर ने खुद को गंभीर आर्थिक संकट में डालने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से संकट में
एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में, जयशंकर ने कहा कि देश का भविष्य काफी हद तक उसके कृत्यों और उसके द्वारा चुने गए विकल्पों से निर्धारित होता है। उन्होंने कहा था, ‘कोई भी अचानक और अकारण किसी मुश्किल स्थिति में नहीं पहुंचता है।’ घटते विदेशी मुद्रा भंडार और बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से संकट में है। देश तेजी से बढ़ते कर्ज संकट से खुद को बाहर निकालने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बहुत जरूरी बेलआउट की मांग कर रहा है।
पाकिस्तान में खर्चों में कटौती शुरू
इस बीच पाकिस्तान ने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के हताशापूर्ण प्रयासों के तहत कैबिनेट मंत्रियों और उनके सलाहकारों द्वारा वेतन नहीं लेने तथा विदेश यात्रा के दौरान मंत्रियों के पांच सितारा होटल में नहीं ठहरने जैसे खर्चों में कटौती के कई उपायों का ऐलान किया। पाकिस्तान को धन की अत्यधिक जरूरत है क्योंकि यह एक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इसे अतीत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है और वर्तमान में यह (पाकिस्तान) अपने रिण कार्यक्रम को बहाल करने के लिए वार्ता कर रहा है।