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पंजाब के संगरूर में किसानों और पुलिस में झड़प के एक दिन बाद ही 53 किसानों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोप है कि किसानों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। इन 53 में से 18 के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है वहीं बाकी की पहचान अभी बाकी है। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी की थी। अब भारतीय किसान यूनियन (एकता-आजाद) के सदस्य लोंगोवाल पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। पहले जो किसान संगठन चंडीगढ़ जाकर प्रदर्शन करने वाले थे वे भी लोंगोवाल की तरफ ही आने लगे हैं। बता दें कि पुलिस की लाठीचार्ज में एक किसान की मौत भी हो गई थी।
संगरूरस के एसएसपी सुरेंद्र लांबा ने कहा, कुछ किसान नेता लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करके दूसरों को उकसा रहे थे। वे प्रदर्शनकारियों से बैरिकेडिंग तोड़ने को कह रहे थे। इसके बाद पूरी भीड़ बैरिकेड्स को हटाने लगी। इसी दौरान पुलिस अधिकारियों को भी चोटें आईं। उन्होंने कहा कि तीन ड्राइवर्स को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। किसान की मौत के मामले में पुलिस ने कहा कि अभी एफआईआर नहीं दर्ज की गई है। लांबा ने कहा, हम मृतक के परिवार के लोगों का इंतजार कर रहे हैं। उनकी शिकायत के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि सोमवार को एक वाहन के नीचे आ जाने की वजह से 70 साल के किसान की मौत हो गई थी। इसके अलावा पुलिस और किसानों में झड़प में 5 किसान घायल हो गए थे। वे अपने नेताओं के हिरासत में लिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। किसान बाढ़ से तबाह हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने वाले थे। इसीलिए बड़ी संख्या में किसान कूच कर रहे थे लेकिन रास्ते में ही पुलिस से झड़प हो गई।
बताते चलें कि पंजाब पुलिस ने किसानों को रोकने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। चंडीगढ़ की तरफ जाने वाले 27 रास्ते सील कर दिए गए थे। इसके अलावा दो हजार से ज्यादा जवानों को तैनात कर दिया गया। हालांकि अब बवाल किसान की मौत पर होने लगा है। ऐसे में कई किसान संगठन संगरूर की तरफ रुख कर चुके हैं।