Home Health संजीवनी बूटी से कम नहीं यह पौधा, जड़, छाल से लेकर फूल तक सब औषधि, गंभीर रोगों के लिए रामबाण

संजीवनी बूटी से कम नहीं यह पौधा, जड़, छाल से लेकर फूल तक सब औषधि, गंभीर रोगों के लिए रामबाण

0
संजीवनी बूटी से कम नहीं यह पौधा, जड़, छाल से लेकर फूल तक सब औषधि, गंभीर रोगों के लिए रामबाण

[ad_1]

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: सर्द हवाएं और धीरे-धीरे ठंडी का बढ़ना शुरू हो चुका है. जिसके दौरान सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां लोगों को परेशान करती है. हर कोई इन बीमारियों से बचना चाहता है. वहीं एक पेड़ है, जो किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है.अगस्त का पेड़ जो सर्दी, खांसी-जुकाम और बुखार के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. इसका जड़, छाल, तन, फल-फूल, पत्तियां और बीज सभी का अलग-अलग उपयोग है और गजब का लाभ है. तमाम गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने में यह औषधि संजीवनी बूटी का काम करती है. आइए जानते हैं कि इसका उपयोग, महत्व, खासियत और किन-किन बीमारियों में यह किस प्रकार से कारगर होता है.

शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. आर.वी.एन पांडेय बताते हैं कि यह गजब का पेड़ है इसका उपयोग बहुत है. तमाम गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने में एक तरह से कहा जाए तो यह पेड़ संजीवनी बूटी से कम नहीं है. चिकित्सक के परामर्श के अनुसार इसका उपयोग करके तमाम गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है.

ये है इस औषधि का कमाल और उपयोग
डॉ. आर.वी.एन पांडेय ने कहा कि यह पेड़ स्वस्थ मानव जीवन में अहम भूमिका निभाता है. सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि इसका जड़, छाल, फल-फूल, पत्तियां और बीज यह तमाम भाग शरीर के तमाम गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने में रामबाण सिद्ध होती है. एक तरह से कहा जाए तो अगस्त्य ऋषि के शक्ति से कम नहीं है यह औषधीय पेड़ जिसका नाम ही अगस्त्य है. ठंडी के मौसम में इसका महत्व और बढ़ जाता है. इसका फूल भी ठंडी के मौसम में ही खिलता है. जिसका जिसका काढ़ा बहुत कारगर होता है. इसके अलावा इसकी पत्तियों का स्वरस निकालकर नाक में डालने से माइग्रेन ठीक हो जाता है.  माइग्रेन के विपरीत साइड के नाक में इसका स्वरस डाला जाता है.

इन बिमारियों में है कारगर साबित
इसके अन्य कई लाभ है जैसे आंख की समस्या, औरतों के श्वेत प्रदर की समस्या, अर्थराइटिस और पेट से संबंधित बीमारियां इत्यादि. इसके फूलों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से सर्दी-जुखाम बुखार के साथ ही कब्ज भी जड़ से समाप्त हो जाता है. इसके उपयोगी भागों को काढ़ा, चूर्ण और रस के रूप में सेवन किया जा सकता है. यह यादाश्त के लिए काफी मशहूर औषधि है. इसके बीजों से तेल भी निकाला जाता है. चुकी आयुर्वेद पद्धति के द्वारा ही गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है इसलिए सरकार भी इसको बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. इसको ध्यान में रखते हुए यह औषधि जिले के बांसडीह रोड में स्थित शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज मझौली परिसर में मौजूद है. आवश्यकतानुसार मरीजों को नि:शुल्क वितरण किया जाता है ताकि इसका लाभ जानकर हर लोग आयुर्वेद के प्रति जागरूक हो सके.

बिन चिकित्सक के परामर्श न करें इसका सेवन
विशेषज्ञ बताते हैं कि हर औषधि का अपना अलग-अलग साइड इफेक्ट होता है इसलिए खास तौर से गर्भवती महिला और छोटे बच्चें इस औषधि का बिना चिकित्सक के परामर्श सेवन न करें. किसी भी परिस्थिति में बिना चिकित्सक के परामर्श औषधि का सेवन करना लाभकारी नहीं होता है. औषधि के सेवन करने का जो मुख्य मात्रा है वह एक चिकित्सक ही निर्धारित कर सकता है. बिन चिकित्सक परामर्श औषधि का सेवन लाभकारी की जगह हानिकारक भी हो सकता है इसलिए चिकित्सक के परामर्श से ही किसी औषधि का सेवन करना लाभकारी होता है.

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18

[ad_2]

Source link