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नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है. लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होगी. इससे पहले कल विपक्ष द्वारा मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी, भारत-चीन सीमा स्थिति और अन्य कई मुद्दों पर हंगामा करने के बाद संसद के दोनों सदनों को शुक्रवार (21 जुलाई) तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चेयरपर्सन जगदीप धनखड़ से आग्रह किया कि वे मणिपुर हिंसा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए ‘अन्य सभी कार्यों को निलंबित करें’ और इस मामले पर विपक्ष की मांग है कि पीएम मोदी संसद में बयान दें.
इस बीच, पीएम मोदी ने सांसदों से कई विधेयकों पर व्यापक चर्चा के लिए संसद के मानसून सत्र का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया. जहां तक मानसून सत्र के कामकाज का सवाल है, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने सत्र के लिए 31 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें 11 अगस्त को सत्र समाप्त होने से पहले 17 बैठकें होंगी. गुरुवार को मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने मणिपुर में यौन उत्पीड़न से जुड़ी घटनाओं की निंदा की और कहा कि ‘मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्षी दल ‘मणिपुर…मणिपुर’ और ‘मणिपुर जल रहा है’ के नारे लगा रहे थे. पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी उन लोगों में शामिल थे जो सदन में मौजूद थे. संसद के उच्च सदन का नियम 267 सस्पेंशन ऑफ रूल्स से संबंधित है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘विपक्ष के कई सदस्यों ने नियम 176 के तहत अल्पावधि चर्चा के लिए नोटिस दिया था. उन्हें लगा था कि हम सहमत नहीं होंगे. हम चर्चा के लिए सहमत हुए. फिर, उन्होंने नियम 267 के तहत कार्यवाही रोकने का एक और बहाना ढूंढ लिया.’
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