नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक सरकार खाने की जरूरी चीजों जैसे टमाटर, प्याज और दाल की कीमतों की निगरानी कर रही है और घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने व कीमतों को स्थिर करने के लिए भी कदम उठा रही है. मानसून सत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया कि सरकार देशभर में 536 प्राइस मॉनिटरिंग सेंटर्स के माध्यम से खाने-पीने की 22 जरूरी चीजों की रिटेल और होलसेल कीमतों की निगरानी कर रही है.
खानपान वाली चीजों के दाम में स्थिरता लाने के लिए केंद्र सरकार ने उठाए कदम
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक खाने-पीने की चीजों के दाम को स्थिर रखने के लिए वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें बफर स्टॉक से प्याज और दाल के स्टॉक को समय पर जारी करना, व्यापारियों-होलसेलर और रिटेलर पर स्टॉक लिमिट लगाना, जमाखोरी रोकने के लिए संस्थाओं द्वारा घोषित स्टॉक की निगरानी करना, चुनिंदा कमोडिटीज के निर्यात पर प्रतिबंध और इंपोर्ट कोटा में बदलाव करना शामिल है.
इन वजहों से बढ़ी टमाटर की कीमत
इसके अलावा वित्त मंत्री ने आगे कहा कि टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी को फसल सीजन, कर्नाटक के कोलार जिले में व्हाइट फ्लाई बीमारी, उत्तर भारत में मॉनसून के तुरंत आ जाने और भारी बारिश के चलते लॉजिस्टिक्स में रुकावटों को जोड़कर देखा जा रहा है. कर्नाटक, देश में सबसे ज्यादा टमाटर उत्पादन वाले राज्यों में से एक है. इसके अलावा वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि अरहर दाल की कीमतें कम उत्पादन के चलते ज्यादा आयात के बावजूद बढ़ी हैं.
बढ़ती मांग के कारण बफर स्टॉक के नियमों में किया गया बदलाव
उन्होंने बताया कि सरकार ने अलग-अलग दालों के लिए आयात नीति पर भी विचार किया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बफर स्टॉक के नियमों में उभरती मांग के चलते बदलाव किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव रोकने और कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड के तहत बफर रखा है.
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FIRST PUBLISHED : August 08, 2023, 09:06 IST