Friday, March 14, 2025
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सऊदी अरब ने रूस से होड़ में जमीन खिसकती देख लिया ये अहम फैसला, भारत को बड़ा लाभ


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सऊदी अरब ने रूस से होड़ में जमीन खिसकती देख लिया ये अहम फैसला, भारत को बड़ा लाभ

Saudi Arab-Russia Oil Price: रूस और यूक्रेन की जंग के बाद से ही रूस पर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे उबरने के लिए रूस भारत सहित कई देशों को सस्ते दामों पर तेल बेच रहा है। इस कारण सऊदी अरब की जमीन खिसकती दिखाई दे रही है। सऊदी अरब की इकोनॉमी पूरी तरह से तेल निर्यात पर आधारित है। ऐसे में भारत, चीन सहित कई देश रूस से सस्ती दरों पर कच्चा तेल आयात कर रहे हैं। इस कारण सऊदी अरब को अपनी जमीन खिसकती दिखाई दे रही है। इसके चलते अब सऊदी अरब ने भी कच्चे तेल के दामों में कटौती की है। सऊदी अरब की कंपनी अरामको ने यह कटौती करने की घोषणा की है।

 रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक देश सऊदी अरब चार महीनों में पहली बार एशियाई खरीदारों के लिए कच्चे तेल की कीमत में कटौती की है। दरअसल, रूस द्वारा सस्ती दरों पर तेल बेचने के बाद ऑयल मार्केट में सऊदी अरब को काफी नुकसान हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जो रूस यूक्रेन युद्ध से पहले भारत को एक फीवसदी से भी कम तेल निर्यात करता था। आज सऊदी अरब, इराक और यूएई जैसे देशों को पछाड़ते हुए भारत के लिए नंबर 1 तेल निर्यातक देश बन चुका है। अब तो रूस सेन पाकिस्तान को भी सस्ती दरों पर तेल बेचने की बात कही है।

सऊदी अरब ने चार महीने में पहली बार की है कटौती

एशियाई रीजन में रूस के बढ़ते फुटप्रिंट से निपटने के लिए सऊदी अरब ने बड़ा कदम उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ने चार महीनों में पहली बार एशियाई खरीदारों के लिए कच्चे तेल की कीमत में कटौती की है। सऊदी तेल कंपनी सऊदी अरामको के मुताबिक, जून में लोड होने वाली अरब लाइट ग्रेड के तेल की कीमत मई की तुलना में 25 सेंट प्रति बैरल कम कर दी गई है। हालांकि, यह कटौती भी बाजार की अनुमानित कटौती 40 सेंट से कम है। 

सऊदी अरब की तेल कंपनी ‘अरामको‘ ने ये की है घोषणा

ऐसा माना जा रहा था कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगियों यानी तेल बेचने वाले देशों यानी ‘ओपेक‘ समूह की ओर से अचानक तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद सऊदी अरब कच्चे तेल की कीमत में लगभग 40 सेंट की कटौती करेगा। क्योंकि तेल उत्पादन में कटौती के बाद लगातार बढ़ती कीमत और रिफाइन तेल की बढ़ती आपूर्ति के कारण एशियाई रिफाइनरियां सुस्त हैं। ऐसे में तेल की कीमत में कटौती से कुछ रिफाइन कंपनियां तेल खरीद में कटौती या सप्लाई धीमा कर सकती हैं।

रूस के मुकाबले सऊदी अरब का कच्चा तेल ज्यादा महंगा

 अप्रैल 2023 में भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी डेटा के अनुसार, फरवरी महीने में भारत ने इराक से औसतन 76.19 डॉलर प्रति बैरल तेल खरीदा। वहीं, रूस ने फरवरी महीने में भारत को 76.92 डॉलर प्रति बैरल तेल निर्यात किया। जबकि भारत ने सबसे ज्यादा महंगा तेल सऊदी अरब से खरीदा। फरवरी महीने में भारत ने सऊदी अरब से औसतन 87.66 डॉलर प्रति बैरल तेल खरीदा।

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