Home Health सदी में गर्मी का बूस्‍टर: ठंड भगाने का इससे सस्ता इलाज नहीं मिलेगा….

सदी में गर्मी का बूस्‍टर: ठंड भगाने का इससे सस्ता इलाज नहीं मिलेगा….

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सदी में गर्मी का बूस्‍टर: ठंड भगाने का इससे सस्ता इलाज नहीं मिलेगा….

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पूरे उत्‍तर भारत में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी पड़ रही है. वहीं दिल्‍ली-एनसीआर में भी पारा लगातार नीचे गिर रहा है. धूप न निकलने और दिनभर शीतलहर चलने के कारण न केवल लोगों को घर से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है बल्कि घर के अंदर भी इस सर्दी से बचना मुश्किल हो रहा है. हालांकि इस सर्द मौसम के लिए भारत में मौजूद पारंपरिक चिकित्‍सा पद्धतियों में से एक योग और प्राणायाम न केवल बेहद उपयोगी हैं बल्कि बिना किसी खर्च के स्‍वस्‍थ रहने और इस ठंड को झेलने के लिए शरीर को तैयार करने के बेहतर तरीके भी बतो हैं. ऐसे में आप खुद ही रोजाना सिर्फ कुछ मिनटें खर्च करके गर्मी के इस बूस्‍टर डोज से सर्दी को दूर भगा सकते हैं. साथ ही शरीर में इम्‍यूनिटी को भी मजबूत कर सकते हैं.

एसएम योग रिसर्च इंस्‍टीट्यूट एंड नेचुरोपैथी अस्‍पताल इंडिया के सचिव और शांतिमार्ग द योगाश्रम अमेरिका के फाउंडर व सीईओ योगगुरु डॉ. बालममुकुंद शास्‍त्री न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में कुछ ऐसे प्राणायाम, क्रियाएं और योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍हें घर पर बैठकर रोजाना किया जाए तो शरीर में गर्मी पैदा होती है और भीषण सर्दी में भी ठंड महसूस नहीं होती.

ये प्राणायाम-क्रिया लाते हैं शरीर में गर्मी
डॉ. बालमुकुंद बताते हैं कि प्राणायाम इतना प्रभावशाली होता है कि अगर सही ढंग से किया जाए तो महज कुछ दिन में ही आपको इसका असर अच्‍छी तरह दिखाई देने लगता है. यह न केवल गर्मी पैदा करते हैं बल्कि ऊर्जा का संचार भी करते हैं. इनमें 3 प्राणायाम और एक क्रिया प्रमुख है.

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सूर्यभेदी प्राणायाम (Surya bhedi Pranayama)
हमारी नासिका में दो छिद्र होते हैं. इनमें बांया छिद्र चंद्रनाड़ी का जो सर्दी पैदा करता है और दायां छिद्र सूर्यनाड़ी का प्रतीक होता है जो शरीर में गर्मी पैदा करता है. ऐसे में दाएं छिद्र से सांस भरकर बांये छिद्र से सांस बाहर निकालते हुए अनुलोम-विलोम प्राणायाम की प्रक्रिया को करेंगे. इससे सूर्यनाड़ी से गर्मी चंद्रनाड़ी में भी प्रवाहित होगी और शरीर में गर्मी पैदा होगी.

भस्त्रिका (Bhastrika Pranayama)
इसमें तेजी से सांस को लेकर तेजी से छोड़ना होता है. यह प्राणायाम भी शरीर में हीट पैदा करने का बेहतर विकल्‍प है. इसमें धुकनी की तरह सांस को चलाना होता है. जब व्‍यक्ति को माथे पर पसीना या सिर में गर्मी जैसा महसूस होने लगे तो इसको रोक देना है.

कपालभाति क्रिया (Kapalbhati)
छह शुद्धि क्रियाओं में एक कपालभाति क्रिया में सिर्फ सांस को बाहर छोड़ना होता है, सांस अपने आप अंदर आ जाती है. इसमें शरीर में गर्मी बनने लगती है.

ये योगासन (Yogasana) भी हैं उपयोगी
गर्मी पैदा करने वाले आसनों में सूर्य नमस्‍कार, पश्चिमोत्‍तानासन, शीर्षासन, सेतुबंधासन, हलासन, धनुरासन, वीरभद्रासन, त्रिकोणासन, सर्वांगासन आदि को सर्दी में किया जाए तो बेहद असरदार होते हैं.

हार्ट और हाई ब्‍लड प्रेशर रोगी रखें ध्‍यान
डॉ. बालमुकुंद कहते हैं कि हार्ट के मरीज (Heart Patients) या हाई ब्‍लड प्रेशर के मरीज (High BP Patients) इन प्राणायाम और कपालभाति क्रिया को न करें या फिर योग गुरु, योग चिकित्‍सक या योगाचार्य के निर्देशन में करें. यह गर्मी का बूस्‍टर डोज है जो इन मरीजों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

इन 2 बातों का रखें विशेष ध्‍यान
डॉ. बालमुकुंद कहते हैं कि जब भी प्राणायाम करें तो हमेशा चेहरे पर मुस्‍कान रखें क्‍योंकि प्राणायाम करते वक्‍त जैसी भी मुंह की भंगिमा रखेंगे दैनिक जीवन में ऐसा ही असर देखने को मिलेगा. इसके अलावा सर्दी के मौसम में कम से कम 1 घंटे तक इन प्राणायाम, आसन और क्रिया को करें तो पहले दिन से ही शरीर में फुर्ती और गर्माहट महसूस होगी.

Tags: Cold, Winter, Yoga

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