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डोनाल्ड ट्रम्प ने वेस्ट प्वाइंट में भाषण देते हुए नाटो, DEI नीतियों और पिछले प्रशासनों की आलोचना की. उन्होंने सेना को मजबूत करने का श्रेय लिया.

डोनाल्ड ट्रम्प ने मिलिट्री एकेडमी में नाटो की आलोचना की. (Image:AP)
हाइलाइट्स
- ट्रम्प ने नाटो देशों पर अमेरिका को ठगने का आरोप लगाया.
- ट्रम्प ने DEI नीतियों और पिछले प्रशासनों की आलोचना की.
- ट्रम्प ने सेना को मजबूत करने का श्रेय लिया.
न्यूयॉर्क. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वेस्ट प्वाइंट मिलिट्री अकादमी में स्नातक समारोह में एक उद्घाटन भाषण में फिर एक बार नया विवाद खड़ा कर दिया. ट्रंप ने कहा कि नाटो के सदस्य देशों ने अमेरिका को ठगा है. इसके साथ ही ट्रम्प ने विविधता, समानता और समावेश (DEI) नीतियों, नाटो और पिछले प्रशासनों की कड़ी आलोचना की. साथ ही अपने कार्यकाल में सेना को मजबूत करने का श्रेय लिया. ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने सेनाओं को पहले से कहीं बेहतर बनाया. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण जाति सिद्धांत और ट्रांसजेंडर सैनिकों के समर्थन जैसे ‘सामाजिक प्रयोगों’ को खत्म किया. उन्होंने सैन्य भर्ती में बढ़ोतरी का श्रेय भी लिया.
अपने नजरिये का बचाव करते हुए ट्रम्प ने पिछले 20 साल में विदेशी संघर्षों में सेना की भागीदारी को संसाधनों और जीवन की बर्बादी बताया. उन्होंने सैन्य नेतृत्व पर विदेशी अभियानों में अक्षमता का आरोप लगाया. उन्होंने DEI नीतियों को हटाने पर जोर दिया, जो सैन्य रैंकों में नस्लीय और यौन अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से महिलाओं, के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए थीं. वेस्ट प्वाइंट की पुस्तकालयों से नस्लवाद के इतिहास पर किताबें हटाने का फैसला भी इस दिशा में एक कदम था. ट्रम्प ने कहा कि पिछले प्रशासनों ने सैनिकों पर बेतुके वैचारिक प्रयोग थोपे, जो सामाजिक और राजनीतिक एजेंडों को बढ़ावा देते थे. यह सब खत्म हो गया है. उन्होंने यह दावा करते हुए घोषणा की कि सेना का मिशन दुश्मनों पर हावी होना है, न कि ड्रैग शो आयोजित करना.
ट्रम्प ने अफगानिस्तान और इराक की जंग से पैदा जन असंतोष का लाभ उठाते हुए वादा किया था कि अमेरिका अब ‘बंदूक की नोंक पर लोकतंत्र’ नहीं थोपेगा. उन्होंने नाटो सहयोगियों पर अमेरिका को आर्थिक रूप से ठगने का आरोप लगाया, हालांकि दावा किया कि यह अब बंद हो चुका है. डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल सिक्योरिटी कौंसिल में भी बड़े पैमाने पर छंटनी करने का ऐलान किया है.
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डोनाल्ड ट्रंप के भाषण पर कैडेटों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही, क्योंकि सेना के अधिकारियों को राजनीतिक भागीदारी से प्रतिबंधित किया गया है. रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के नेतृत्व में पेंटागन के पुनर्गठन ने कुछ विवाद पैदा किया है. वेस्ट प्वाइंट के दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर ग्राहम पार्सन्स ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने नस्लवाद और लैंगिक भेदभाव पर चर्चा को हतोत्साहित करने वाले नए दिशा-निर्देशों की आलोचना की.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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