रामकुमार नायक/ रायपुरः भारत में हजारों प्रकार के पौधे पाए जाते हैं, जिनमें से कई औषधीय गुणों से भरपूर हैं. प्राचीन काल से, आयुर्वेदिक चिकित्सा को विभिन्न रोगों के इलाज के लिए महत्वपूर्ण माना जाता रहा है. आज भी कई बीमारियों के इलाज में जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है. दावा किया जाता है कि भारत में इन दिनों सबसे बड़ी संख्या डायबिटिज पेशेंट की है, और माना जा रहा है कि जड़ी-बूटियां डायबिटीज के उपचार में भी मददगार हो सकती हैं. डायबिटीज के लिए मेडिसिनल प्लांट इंसुलिन रामबाण औषधि है.
डायबिटीज के मरीजों के लिए इंसुलिन की पत्तियां किसी औषधि से कम नहीं है. इंसुलिन प्लांट में मौजूद गुण ब्लड प्रेशर, आंख, आंत, हार्ट से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद है. इंसुलिन प्लांट की पत्तियों में प्रोटीन, फ्लेवोनॉयड, एंटीऑक्सीडेंट एस्कोरबिक एसिड जैसे कई तत्व पाए जाते हैं. जो ब्लड शुगर को कम करने में प्रभावी होते हैं. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल कम करने, कफ कोल्ड और अस्थमा की समस्या में राहत , यूटरिन इंफेक्शन में फायदेमंद, मेटाबॉलिक प्रोसेस को बेहतर बनाने में मददगार साथ ही आंखों से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद होता है.
इंसुलिन से शुगर को छुटकारा
शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राजेश सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इंसुलिन को के बुकंद के नाम से जाना जाता है. प्रदेश के बस्तर के इसके कंद से बडी बनाकर लोग खाते हैं. कांदे को पीसकर उड़द दाल मिलाकर बडी बनाते हैं. इसमें इंसुलिन कम्पाउंड होता है इसलिए इसे हम लेते हैं तो हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ा देता है. इंसुलिन का इस्तेमाल बढ़ी हुई शुगर को कम करने किया जाता है. इससे शुगर का अच्छे से डाइजेशन होता है. जिनमें ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है उन्हें इंसुलिन ब्लड शुगर कम करने के लिए लेना चाहिए. ब्लड शुगर बढ़े रहने से आलस आना, मूर्छा भी आ जाता है. ऐसे में इसके प्रयोग से शरीर में अनावश्यक तंद्रा निंद्रा आलस से छुटकारा पाया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : March 4, 2024, 17:50 IST
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