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जेनरेटिव AI इन दिनों चर्चा में है और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से कमाल दिखाने वाला चैटबॉट ChatGPT तेजी से लोकप्रिय हुआ है। अब भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि देश में खुद का ChatGPT वर्जन तैयार किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ‘बड़ी घोषणा’ से जुड़े संकेत देते हुए रुख जताया है कि भारत के पास खुद का AI चैटबॉट हो सकता है और इसे जल्द लॉन्च किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री इंडिया ग्लोबल फोरम एनुअल समिट का हिस्सा बने थे, जिसमें उन्होंने बड़ी घोषणा से जुड़े संकेत दिए। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा,’बस कुछ सप्ताह रुकिए, एक बड़ी घोषणा होगी।’ बता दें, ग्लोबल चैटबॉट मार्केट साल 2030 तक 3.99 अरब डॉलर तक का हो सकता है, जिसमें OpenAI, Google और Snapchat जैसे नाम पहले ही शामिल हो चुके हैं। ढेरों अन्य कंपनियां भी जेनरेटिव AI में निवेश कर रही हैं और अपने-अपने वर्जन लॉन्च करने वाली हैं।
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स्टार्ट-अप्स के साथ काम करेगी सरकार
अश्विनी वैष्णव ने भारत में बढ़ रही स्टार्ट-अप कम्युनिटी के बारे में भी चर्चा की और कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक कोलैप्स का असर किसी भारतीय स्टार्ट-अप पर नहीं पड़ा क्योंकि सरकार ने उनकी मदद के लिए जरूरी इंतजाम कर रखे थे। उन्होंने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की मौजूदा स्थिति की तारीफ की और कहा कि कई ग्लोबल पार्टनर्स अब भारतीय स्टार्ट-अप्स के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। सरकार भी स्टार्ट-अप कम्युनिटी को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगी।
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भारतीय ChatGPT कैसे हो सकता है अलग?
देश में बना हुआ AI चैटबॉट यूजर्स को जो जानकारी आउटसोर्स करके देगा, वह भरोसेमंद और आंतरिक सोर्सेज से जुटाई गई होगी। आपको बता दें, जेनरेटिव AI यूजर्स की ओर से पूछे गए सवाल या कमांड के हिसाब से जवाब देते हुए निबंध लिखने से लेकर कोडिंग करने जैसे काम भी कर सकता है। भारत का अपना AI चैटबॉट सूचनाएं जुटाने का आसान और फ्री विकल्प हो सकता है और इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी अगले कुछ सप्ताह में सामने आ सकती है।