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‘भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने जन-जन की भावनाओं को एक करने के लिए एक बार कहा था-‘सुख और दुख कागज के गोले हैं. मौत से मत डरो, राष्ट्रवादी ताकत से जुड़ो, एकजुट रहो, जो भूखे हैं उन्हें काम दो, जरूरतमंदों को भोजन दो, आपसी झगड़े भूल जाओ’. बता दें कि उनकी जोशीली बातें आजादी की लड़ाई में आग में घी की तरह काम करती थीं. उनकी इन बातों से सामान्य जनता ने आपसी फूट को दूर कर स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था.