Thursday, April 24, 2025
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सर्दियों में आटा नहीं.. इस फसल की रोटी का करें उपयोग, कब्ज को रखती है दूर


नरेश पारीक/चूरू. सर्दी की दस्तक के साथ ही राजस्थान में ना सिर्फ पहनावा बदल जाता है बल्कि यहां खान, पान भी बदल जाता है जी हां सर्दियों में यहां गेंहू के बजाए बाज़रे की खपत बढ़ जाती है और यहां के लोग बाज़रे की रोटी बनाना और खाना शुरू कर देते हैं. राजस्थान के पारंपरिक खान, पान में शामिल बाज़रे की चूल्हे पर बनी रोटी और साथ मे शक्कर, गुड़ चटनी इस रोटी के स्वाद को और भी दोगुना कर देती है.

आर्युवैदिक चिकित्सक डॉ संजय तंवर बताते हैं कि बाजरे की रोटी में प्रोटीन बहुत अधिक और कार्बोहाइड्रेट कम होता है. हालांकि, बाजरे की रोटी में कैलोरी थोड़ी अधिक होती है, लेकिन प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होने के कारण दैनिक आहार में इसे शामिल करने की अनुशंसा की जाती है. इसलिए बाजरे की रोटी को आप रात के खाने में खा सकते हैं.

वजन घटाने में कारगर
बाजरा जटिल कार्ब्स से बना होता है, जो धीरे-धीरे शरीर द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. यह आपको तृप्त महसूस कराता है और अधिक खाने से रोकता है. पॉर्शन कंट्रोल वजन बढ़ने के जोखिम को कम करता है. वरिष्ठ आर्युवैदिक चिकित्सक डॉ संजय तंवर बताते हैं कि बाजरा में अघुलनशील फाइबर सामग्री एक प्रीबायोटिक के रूप में काम करती है. जो आपके पाचन स्वास्थ्य को नियंत्रित करती है. अघुलनशील फाइबर कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर रखते हुए मल त्याग में भी सुधार करता है.

हार्ट के लिए लाभदायक
तंवर कहते हैं बाजरा मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है, इसलिए हृदय रोगियों के लिए अपने आहार में बाजरे की रोटी शामिल करना अच्छा होता है. मैग्नीशियम बीपी और मधुमेह जैसे हृदय रोगों के जोखिम कारकों को रोकने में सक्षम है. अध्ययनों ने एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने पर मैग्नीशियम के लाभकारी प्रभाव की ओर भी इशारा किया है और यह स्ट्रोक से भी बचाता है.

Tags: Churu news, Food, Food 18, Local18, Rajasthan news



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