Home Life Style सर्वाइकल कैंसर का खतरा युवा महिलाओं को ज्यादा, अपोलो की डॉक्टर सारिका गुप्ता ने बताए बचाव के तरीके

सर्वाइकल कैंसर का खतरा युवा महिलाओं को ज्यादा, अपोलो की डॉक्टर सारिका गुप्ता ने बताए बचाव के तरीके

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हाइलाइट्स

सर्वाइकल कैंसर का पता प्री-कैंसरस स्टेज में भी लगाया जा सकता है.
बच्चेदानी के कैंसर से बचने के लिए HPV की वैक्सीन लगवानी चाहिए.

Cervical Cancer Prevention Tips: कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि की वजह से हो जाता है. कैंसर कई तरह के होते हैं. इनमें से एक सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) होता है, जो महिलाओं में होने वाला कॉमन कैंसर है. दुनियाभर में हर साल बड़ी तादाद में महिलाएं महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की वजह से अपनी जान गंवा देती हैं. चिंताजनक बात यह है कि सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम उम्र की महिलाओं को ज्यादा होता है. आज कैंसर स्पेशलिस्ट से जानेंगे कि सर्वाइकल कैंसर क्या है, इसके क्या लक्षण होते हैं और इससे किस तरह बचा जा सकता है.

नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के गायनेकोलॉजी ओन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सारिका गुप्ता के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की बच्चेदानी के मुख में होने वाला कैंसर है. इसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है. आमतौर पर 35 साल से लेकर 50 साल की उम्र वाली महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. यह कैंसर दो तरह का होता है- पहला लो ग्रेड और दूसरा हाई ग्रेड. लो ग्रेड कैंसर धीरे-धीरे फैलता है, जबकि हाई ग्रेड कैंसर तेजी से फैलता है और इसमें मौत का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में सही वक्त पर इलाज कराना बेहद जरूरी है.

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ऐसी महिलाओं को खतरा ज्यादा

डॉक्टर सारिका गुप्ता कहती हैं कि सर्वाइकल कैंसर का खतरा उन महिलाओं को ज्यादा होता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो और एचआईवी या अन्य कोई गंभीर बीमारी हो. मल्टीपल सेक्सुअल पार्टनर, जेनिटल हाइजीन की कमी और जल्दी बच्चे होने वाली महिलाओं को इसका जोखिम ज्यादा होता है. इसके अलावा स्मोकिंग करने से भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को इससे बचने के लिए समय-समय पर स्क्रीनिंग करानी चाहिए. सर्वाइकल कैंसर का पता प्री-कैंसरस स्टेज में भी लगाया जा सकता है और सही इलाज के जरिए कैंसर से बचा भी जा सकता है.

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सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

– पार्टनर के साथ संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग
– पीरियड्स के बीच अनियमित माहवारी होना
– बदबूदार पानी आना या ब्लड स्ट्रीम डिस्चार्ज
– मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना

सर्वाइकल कैंसर का ट्रीटमेंट और बचाव

डॉक्टर के अनुसार सर्वाइकल कैंसर अगर शुरुआती स्टेज में हो, तो सर्जरी के जरिए इसका इलाज किया जाता है. एडवांस स्टेज में कीमोथेरेपी की जरूरत होती है. हर मरीज की कंडीशन को देखकर ही ट्रीटमेंट किया जाता है. जितना जल्दी इसका पता लग जाए, मौत का खतरा उतना कम हो सकता है. बचाव की बात करें, तो सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए HPV का टीका लगवाएं और अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करें. स्मोकिंग से दूरी बनाएं और संबंध बनाते वक्त कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल करें. समय-समय पर गायनेकोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी जांच करवाएं.

Tags: Cancer, Cervical cancer, Health, Lifestyle, Womens day



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