Monday, July 8, 2024
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सात्विक ने पीसीएस बनने के लिये छोड़ दी थी रेलवे की नौकरी, पाई तीसरी रैंक


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यूपीपीएससी 2023 की परीक्षा में मेरिट लस्टि में तीसरे स्थान पर आये हरदोई के सात्विक श्रीवास्तव ने पीसीएस परीक्षा का जुनून इस कदर था कि उन्होने इसकी तैयारी के लिये रेलवे में इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी। रजिस्ट्री ऑफिस में दस्तावेज लेखक जगदीश श्रीवास्तव के इकलौते पुत्र सात्विक ने यह परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की है। सात्विक ने इस परीक्षा को पास करने के लिए रेलवे की नौकरी छोड़ी और पढ़ाई करके पीसीएस की परीक्षा पास की है। सात्विक के पीसीएस परीक्षा पास करने की और तीसरे स्थान पर आने की खबर सुनकर उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई उनके रश्तिेदार, पड़ोसी आदि उन्हे बधाइयां देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं।

       

हरदोई शहर में मोहल्ला नबी पुरवा निवासी जगदीश श्रीवास्तव और चत्रिा श्रीवास्तव की एक मात्र संतान सात्विक  का जन्म 30 दिसंबर 1998 को हुआ और उनकी प्रारंभिक शक्षिा हरदोई में ही हुई। यहां के सेंट जेवियर्स कालेज में उन्होंने वर्ष 2013 में हाईस्कूल की परीक्षा 10 सीजीपीए से पास की तो वर्ष 2015 में इस ही विद्यालय से वो 94.8 फीसदी अंक पाकर इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हुए। जिसके बाद वर्ष 2016 में उनका एडमिशन एनआईटी जयपुर में हुआ, जहां से वर्ष 2020 में उनकी इंजीनियरिंग पूरी हुई। 2021 में उन्होंने यूपीपीसीएस का पहली बार एग्जाम दिया तब प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ।      

मई 2022 को उनका सलेक्शन रेलवे में जूनियर इंजीनियर पद पर हुआ। जिसके बाद 14 दिन की इलाहाबाद में हुई ट्रेनिंग के बाद उनको बांदा जिले में पोस्टिंग मिली, 14 जून को उनका यूपीपीसीएस का प्रीलम्सि का एग्जाम लगा था पढ़ाई पर फोकस करने के लिए उन्होंने परीक्षा से एक सप्ताह पहले रेलवे की नौकरी से इस्तीफा देकर तैयारी शुरू की लेकिन इस बार भी इनका प्री भी क्वालीफाई न हुआ। जिसके बाद सात्विक ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया क्योंकि एक तरफ वो रेलवे की अच्छी खासी नौकरी छोड़ चुके थे, दूसरी तरफ पीसीएस की परीक्षा में वो प्रारंभिक पात्रता में उत्तीर्ण न हो पाए। जिसके बाद उन्होंने पढ़ाई और स्टडी मैटेरियल दोनो का तरीका बदला। जिसके बाद वर्ष 2023 के मई माह में आयोजित हुई पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में वो न सर्फि उत्तीर्ण हुए बल्कि मेंस और इंटरव्यू को क्वालीफाई कर परीक्षा के परिणाम में तीसरा स्थान भी प्राप्त किया। 

     

सात्विक अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता, पिता और साथ ही अपने मेंटर आशुतोष श्रीवास्तव को देते हैं। सात्विक के मुताबिक दो बार पीसीएस की परीक्षा में प्री भी न निकाल पाने और रेलवे की नौकरी छोड़ने के बाद भी उनके माता पिता ने हमेशा उनको अपने लक्ष्य पर फोकस करने को ही कहा और वो भी अपने मजबूत इरादे बनाये रखे जिसके चलते तीसरे प्रयास में प्री के बाद मेंस और फिर इंटरव्यू में पास होकर उन्होने प्रदेश में तीसरा स्थान पाकर अपने परिवार का गौरव बढ़ाया है।



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