Sunday, February 23, 2025
Google search engine
HomeLife Styleसाल की अंतिम अमावस्या पर बने 5 शुभ संयोग, क्या है स्नान-दान...

साल की अंतिम अमावस्या पर बने 5 शुभ संयोग, क्या है स्नान-दान मुहूर्त? 3 उपाय से नाराज पितर खुश होंगे


हाइलाइट्स

फाल्गुन अमावस्या तिथि का प्रांरभ: 9 मार्च, शनिवार, 06:17 पीएम से.
फाल्गुन अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त: 10 मार्च, प्रात: 04:59 एएम से.
पितरों को खुश करने के लिए सबसे आसान ​उपाय है स्नान के समय उनके लिए तर्पण करना.

हिंदू कैलेंडर का अंतिम महीना फाल्गुन है. उस आधार पर विक्रम सम्वत 2080 की अंतिम अमवास्या यानी फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च दिन रविवार को है. पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या होती है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत हो जाते हैं और उसके बाद स्नान करते हैं. फिर अपनी क्षमता के अनुसार दान देते हैं. फाल्गुन अमावस्या पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस बार फाल्गुन अमावस्या पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. फाल्गुन अमावस्या पर आप स्नान और दान कब करें? उसका मुहूर्त क्या है? नाराज पितरों को खुश करने का उपाय क्या है? इस सब बातों के बारे में बता रहे हैं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र.

फाल्गुन अमावस्या 2024 मुहूर्त
फाल्गुन अमावस्या तिथि का प्रांरभ: 9 मार्च, शनिवार, 06:17 पीएम से
फाल्गुन अमावस्या तिथि का समापन: 10 मार्च, रविवार, 02:29 पीएम पर
फाल्गुन अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त: 10 मार्च, प्रात: 04:59 एएम से

ये भी पढ़ें: शनि की गुरु के नक्षत्र में होगी एंट्री, न्याय के देवता 4 राशिवालों पर रहेंगे खुश, वाहन, भूमि, नौकरी सब देंगे साथ

फाल्गुन अमावस्या पर बने 5 शुभ संयोग
फाल्गुन अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, साध्य योग, शुभ योग के साथ पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का शुभ संयोग बना है. सर्वार्थ सिद्धि योग देर रात 01:55 एएम से 11 मार्च को सुबह 06:35 एएम तक बना है. अमावस्या पर सुबह से ही साध्य योग होगा, जो 04:14 पीएम तक रहेगा. फिर शुभ योग बनेगा.

वहीं पूर्व भाद्रपद नक्षत्र देर रात 01:55 एएम तक है. इसके अलावा एक शुभ संयोग शिववास का भी है. शिववास माता पार्वती संग सूर्योदय से 02:29 पीएम तक है. शिववास रुद्राभिषेक के लिए महत्वपूर्ण होता है.

फाल्गुन अमावस्या 2024 दान की वस्तुएं
फाल्गुन अमावस्या के दिन आप स्नान के बाद कंबल, वस्त्र, अन्न, फल आदि का दान कर सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो गेहूं, गुड़, घी, तांबे के बर्तन आदि का भी दान दे सकते हैं क्योंकि यह अमावस्या रविवार को है. इस दिन सूर्य की वस्तुओं का दान करने से पुण्य लाभ होगा और ग्रह दोष भी दूर होगा.

ये भी पढ़ें: कुंभ में शुक्र हुआ विराजमान, 6 राशिवालों के लिए हो सकता मुश्किल दौर, 24 दिन कैसी रहेगी किस्मत?

फाल्गुन अमावस्या 2024: नाराज पितरों को खुश करने के उपाय
1. कहा जाता है कि पितर अमावस्या के दिन धरती पर आते हैं. अपने पितरों को खुश करने के लिए सबसे आसान ​उपाय है स्नान के समय उनके लिए तर्पण करना. जल में काला तिल, सफेद फूल डालकर कुश के पोरों के माध्यम से पितरों को तर्पण देना चाहिए. इससे वे प्रसन्न होते हैं. वे तृप्त होकर सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

2. पितृदोष से मुक्ति के लिए आप पिंडदान, श्राद्ध कर्म, पंचब​लि कर्म, ब्राह्मण भोज, दान आदि कार्य भी कर सकते हैं. फाल्गुन अमावस्या पर आपको पितरों के देव अर्यमा की पूजा करनी चाहिए और पितृ सूक्तम् का पाठ करना चाहिए. इससे पितर प्रसन्न होंगे और आपको उन्नति का आशीर्वाद देंगे.

3. फाल्गुन अमावस्या को अंधेरा होने पर अपने पितरों के लिए सरसों के तेल का एक दीप जलाएं. इस दीप को आप किसी पीपल के पेड़ के नीचे या फिर घर से बाहर दक्षिण दिशा में जला सकते हैं. धरती से वापसी के समय पितरों के मार्ग में अंधेरा न रहे, इसलिए यह दीपक जलाते हैं. इससे भी पितर प्रसन्न होते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments