हाइलाइट्स
नए साल 2024 में शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे.
नए साल में कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव देखने को मिलेगा.
नया साल 2024 आने वाला है. नए साल में शनि देव कुंभ राशि में ही रहेंगे, उनका कोई राशि परिवर्तन नहीं होने वाला है. साल 2023 में 17 जनवरी को शनि देव कुंभ राशि में गोचर हुए थे, उसके बाद से वे इसमें मार्च 2025 तक विराजमान रहेंगे. शनि देव 29 मार्च 2025 को रात 11 बजकर 01 मिनट पर कुंभ से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे. उस समय ही उनका राशि परिवर्तन होगा. लेकिन साल 2024 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या 5 राशि के जातकों को परेशान कर सकती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं कि नए साल 2024 में किन 5 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या होगी. जानते हैं कि इससे बचने के कौन से ज्योतिष उपाय हो सकते हैं.
नया साल 2024: इन 3 राशियों पर होगी शनि की साढ़ेसाती
ज्योतिषाचार्य तिवारी के अनुसार, नए साल में शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे. इसकी वजह से मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा. मकर राशि पर साढ़ेसाती का तीसरा चरण, कुंभ पर दूसरा चरण और मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण होगा. आपको जनना चाहिए कि शनि की साढ़ेसाती साढ़े सात साल तक रहती है.
ये भी पढ़ें: 13 दिसंबर से बुध होंगे वक्री, उल्टी चाल से 3 राशिवाले रहें सावधान! वाद-विवाद, धन हानि का डर
नया साल 2024: ये 2 राशिवाले शनि की ढैय्या से हो सकते परेशान
नए साल 2024 में कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव देखने को मिलेगा. शनि देव नए साल में भी आपका पीछा नहीं छोड़ेंगे. आपको नए साल में गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए. शनि की ढैय्या ढाई साल तक चलती है.
जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या होती है, उनको सावधानीपूर्वक वाहन चलाना चाहिए. झूठ, छल, कपट, चोरी, शराब, जुआ, व्यभिचार आदि से दूर रहना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही अच्छा या बुरा फल देते हैं.
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के 4 उपाय
1. यदि आप पर साढ़ेसाती या ढैय्या का साया है तो आपको प्रत्येक शनिवार का व्रत रखकर शनि महाराज की पूजा करनी चाहिए. शनि देव की कृपा से साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव कम होंगे. आपके जीवन की परेशानियां खत्म होंगी.
ये भी पढ़ें: कब है मार्गशीर्ष अमावस्या? 4 उपायों से दूर होगा पितृ दोष, जीवन में आएगी सुख-शांति और समृद्धि
2. शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. साढ़ेसाती और ढैय्या से प्रभावित राशि के जातक प्रत्येक दिन इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. प्रतिदिन न कर पाएं तो शनिवार के दिन अवश्य करें. शनि स्तोत्र का पाठ सबसे पहले राजा दशरथ ने शनि देव को प्रसन्न करने के लिए किया था.
3. साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार को शनि मंदिर में जाकर छाया दान करें. इसके लिए आप स्टील या लोहे के एक कटोरे में सरसों का तेल भर लें. फिर उसमें अपनी छाया देखें. उसके बाद उस तेल को किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें.
4. शनि देव का प्रिय पेड़ शमी है. शनिवार के दिन शमी के पेड़ की सेवा करें. उसकी जड़ को जल से सींचें और शाम को उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. आप शनि के बीज मंत्र ओम शं शनैश्चराय नम: का जाप कम से कम 3 माला रोज करें. प्रत्येक दिन न कर पाएं तो शनिवार को जरूर करें.
.
Tags: Astrology, Dharma Aastha
FIRST PUBLISHED : December 7, 2023, 12:01 IST