Home Life Style सावन में शिवजी को क्यों अर्पित की जाती है यह हरी पत्ती, क्या है इसे चढ़ाने के नियम, महादेव होते हैं बेहद प्रसन्न

सावन में शिवजी को क्यों अर्पित की जाती है यह हरी पत्ती, क्या है इसे चढ़ाने के नियम, महादेव होते हैं बेहद प्रसन्न

0


हाइलाइट्स

सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय होता है.
इस माह में सोमवार व्रत का बहुत महत्व होता है.

Shiv Puja: सावन का पवित्र महीना शूरू हो चुका है. यह महादेव का सबसे प्रिय माह होता है. इस महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटी होती है. भक्त महादेव की आराधना में लीन होते हैं. कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है. सावन के सोमवार का महत्व और बढ़ जाता है. इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं. भगवान शिव की पूजा में उन्हें जल, दूध, बेलपत्र, पुष्प आदि अर्पित किया जाता है. इसी तरह इनकी पसंदीदा चीजों में एक शमी पत्र भी महादेव को चढ़ाते हैं. आइए आज हम पंडित इंद्रमणि घनस्याल से जानते हैं कि ​भगवान शिव को शमी पत्र क्यों चढ़ाया जाता है और इसका महत्व क्या है?

शमी पत्र का महत्व
हिंदू धर्म मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शिव को शमी पत्र विधिवत तरीके से चढ़ाना बेहद फलदायी होता है. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद दूध चढ़ाना बेहद शुभ है. इसके पश्चात शिवजी को धतूरा, बेल पत्र, मदार के फूल और शमी पत्र आदि चढ़ाना चाहिए. इससे शिव जी बहुत प्रसन्न होते हैं.

इसे भी पढ़ें: सूखी हुई तुलसी भी कर देगी मालामाल, बस करें ये काम, घर में होने लगेगी धन की बरसात, बनी रहेगी सुख-समृद्धि

क्यों शुभ है माना जाता है शमी पत्र?
हिंदू धर्म में शमी के पेड़ को बाहत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद जब भगवान श्रीराम वापस लौटे थे, तब उन्होंने शमी के वृक्ष की पूजा की थी. एक और कथा के अनुसार, महाभारत में पांडवों को अज्ञातवास दिए जाने पर उन्होंने अपने अस्त्र-शस्त्र शमी के पेड़ में ही छिपा दिए थे. इस वजह से शमी के पेड़ को बहुत शुभ माना जाता है.

शमी पत्र चढ़ाने के नियम
वैसे तो हर माह में आपको शिवजी को शमी पत्र चढ़ाना चाहिए, लेकिन सावन के महीने में इसका महत्व बढ़ जाता है. मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शिव को शमी पत्र अर्पित करने से मनवांछित वरदान ​मिलता है. इस महीने में सोमवार को सुबह शिवालय में जाकर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें. इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल, गंगाजल, चावल, सफेद चंदन आदि मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप जरूर करें. अब इसके बाद आप भगवान भोलेनाथ को ​बेल पत्र, चावल, शमी पत्र, सफेद वस्त्र अर्पित कर दें. शमी पत्र चढ़ाते समय भी ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें: शुक्रवार के दिन किसी को भूलकर भी नहीं दें यह सफेद चीज, ये 5 काम करना माना जाता है अशुभ, घर में आ जाएगी कंगाली

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Sawan, Sawan somvar



Source link