Home National साहब! मुझे मेरी बीवी वापस दिला दो, मैं उसके साथ रहकर जिंदगी गुजारना चाहता हूं….

साहब! मुझे मेरी बीवी वापस दिला दो, मैं उसके साथ रहकर जिंदगी गुजारना चाहता हूं….

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साहब! मुझे मेरी बीवी वापस दिला दो, मैं उसके साथ रहकर जिंदगी गुजारना चाहता हूं….

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साहब! मुझे मेरी बीवी वापस दिला दो, मैं उसे तलाक नहीं देना चाहता, मैं उसके साथ रहकर ठीक से जिंदगी गुजारना चाहता हूं। कुछ इसी तरह के दावे आगरा के फैमिली कोर्ट में पहुंच रहे हैं। लोग फैमिली कोर्ट में आवेदन कर अपनी बीवी को वापस लेने के लिए गुहार लगा रहे हैं। 2500 पुरुषों ने इस तरह की गुहार फैमिली कोर्ट में कर रखे हैं। फैमिली कोर्ट में आए ये सभी दावे सेक्शन-9 हिंदू विवाह अधिनियम में विवाह स्बंधो को पुनर्स्थापित करने के हैं, जिसमें पुरुष अपनी पत्नी को ले जाने की बात करता है। शादी के बाद पति-पत्नी में कभी दहेज को लेकर तो कभी किसी और वजह से तकरार होने लगती है। कई बार नौबत तलाक तक की आ जाती है। 

दहेज उत्पीड़न का केस न दर्ज करा दें

ज्यादातर मामलों में पत्नियां अपने पति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा देती हैं। ऐसे में पतियों को डर रहता है कि कहीं पत्नी 498 यानी दहेज उत्पीड़न का केस न दर्ज करा दें। इन केसों से बचने के लिए पुरुष कोर्ट में सेक्शन-9 के तहत फैमिली कोर्ट में अपनी पत्नी को वापस बुलाने के लिए आवेदन करते हैं। आगरा दीवानी के फैमिली कोर्ट में आए आवेदनों की बात करें तो ऐसे मामले 2500 से ज्यादा हैं। इसमें पुरुषों ने कोर्ट ने गुहार लगाई है कि हम अपनी पत्नी के साथ ही रहना चाहते हैं। इसलिए हमें अनुमित दी जाए।

फैमिली कोर्ट में पहुंच रहे सेक्शन-9 के मामले

फैमिली कोर्ट में आए सेक्शन-9 हिंदू विवाह अधिनियम में विवाह स्बंधो को पुनर्स्थापित करने के दावे ही करीब 2500 हैं। इसमें करीब 22 फीसदी मामले मुस्लिम विवाह के हैं तो 78 फीसदी मामले हिंदू विवाह से संबंधित हैं। इसके अलावा सेक्शन-125 यानी गुजारा भत्ता के तो बड़ी संख्या में दावे आए हैं।


 

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