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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं। एक केस से राहत मिलने के बाद दूसरे पर अदालत की कार्रवाई और तारीख पर तारीख जारी है। उधर उनकी पार्टी पीटीआई के कई नेताओं में पर घोषित अपराधी की धारा लगाए जाने का दौर शुरू हो गया है। पाकिस्तान कि अटक जेल में कैद इमरान खान की स्थिति को देख उनकी पत्नी बुशरा बीबी लाचार नजर आ रही हैं, उन्होंने कई बार इल्जाम लगाएं हैं कि इमरान खान को जेल में जहर देकर मार दिया जाएगा। तोशाखाना केस के बाद अब इमरान खान के ऊपर सिफर केस के काले बादल छाए हैं। विशेष अदालत आज (बुधवार) इमरान खान के खिलाफ सिफर मामले में कार्यवाही फिर से शुरू करेगी।
वहीं आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) ने अस्करी टावर हमला मामले में चार पीटीआई नेताओं को घोषित अपराधी (पीओ) घोषित करने की कार्यवाही शुरू की। गुलबर्ग पुलिस ने एक आवेदन दायर कर अदालत से पूर्व प्रांतीय मंत्री मियां असलम इकबाल, गुलाम अब्बास, जमशेद इकबाल चीमा और उनकी पत्नी मुसर्रत जमशेद चीमा को दोषी करार देने की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया था। जांच अधिकारी ने कहा कि गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद संदिग्धों को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही उन्होंने कानून के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने अदालत से संदिग्धों को उनके खिलाफ जांच में शामिल नहीं होने पर पीओ घोषित करने की मांग की।
इमरान नहीं लड़ पाएंगे चुनाव?
एक तरफ इमरान खान खुद अदालतों के सामने अलग-अलग केस को लेकर सामने हो रहे हैं वहीं, उनके साथियों पर नए चार्ज लगाए जा रहे हैं। पाकिस्तान की मौजूदा सियासत को देखें तो फिलहाल इस साल चुनाव टाल दिए गए हैं, अब यह चुनाव अगले साल फरवरी में कराए जाएंगे। ऐसे इमरान खान के पास क्या विकल्प बचा है? क्या वह जेल से ही चुनाव लड़ेंगे? कानून विशेषज्ञों के मुताबिक, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान अटक जेल में बंद हैं और आने वाले आम चुनाव नहीं लड़ सकते, क्योंकि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनकी दोषसिद्धि और अयोग्यता बरकरार है।
गिरफ्तार हो रहे पार्टी के कार्यकर्ता
जमीनी स्तर पर पार्टी के काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस ने नकेल कसी हुई है। हाल ही में एक रैली आयोजित करने के लिए पूर्व प्रांतीय मंत्री शकील खान सहित पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 60 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी और महंगाई के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 लगाए जाने के बावजूद पूर्व विधायक शकील खान के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों रैली निकाली। वे शहबाज शरीफ और कार्यवाहक सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
ऐसे में इमरान खान की स्थिति आगे कुआं पीछे खाई जैसी हो गई है। वह चाहते हुए भी अपनी एक नहीं कर पा रहे हैं। इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी और बहन नोरेन नियाजी ने अटक जेल में उनसे मुलाकात की, लेकिन उनकी कानूनी टीम को पाकिस्तानी पूर्व प्रधानमंत्री तक पहुंचने से रोक दिया गया। 5 अगस्त को इमरान खान को जेल भेजे जाने के बाद बुशरा बीबी ने उनसे छह बार मुलाकात की। वहां की स्थिति को देखने के बाद बुशरा बीबी कई बार जेल के रख रखाव और इमरान के खिलाफ रची जा रही कथित ‘साजिशों’ की बात कह चुकी हैं।
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