नई दिल्ली:
पाकिस्तान के पूर्व पीएम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने सिफर मामले में पूर्व पीएम इमरान खान और उनके सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत, सिफर मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया गया था. अब ये जान लेते हैं कि आखिर ये सिफर मामला क्या है? बता दें कि सिफर मामला एक राजनयिक दस्तावेज से जुड़ा है, जिसके संबंध में संघीय एजेंसी की चार्जशीट में कहा गया है कि इमरान ने इसे कभी वापस नहीं किया.
इमरान खान की बढ़ी और मुश्किलें
पीटीआई कई सालों से ये मानती आ रही है कि इस दस्तावेज़ में अमेरिका की ओर से इमरान को पीएम पद से हटाने की धमकी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि पीएम पद से हटाने में अमेरिका की अहम भूमिका थी.आपको बता दें कि यह फैसला तब आया है जब 8 फरवरी से आम चुनाव हैं, जहां पीटीआई राज्य में पार्टी की सख्त कार्रवाई के बीच बिना किसी चुनाव चिन्ह के लड़ रही है. पाकिस्तान की विशेष अदालत ने पिछले महीने अदियाला जिला जेल में नए मामले की सुनवाई शुरू की.
इस वक्त कहां हैं इमरान खान?
13 दिसंबर को इस मामले में इमरान खान और महमूद शाह क़ुरैशी को दूसरी बार दोषी ठहराया गया था. पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और विदेशी मंत्री वर्तमान में रावलपिंडी की अदियाला जेल में कैद है.इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि इमरान खान के लिए यह बड़ा झटका है. इमरान खान आम चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन दोनों नेताओं को 10-10 साल की सजा के बाद उनके चुनाव लड़ने के रास्ते बंद हो जाएंगे.