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Vastu For Hospital : जब बात किसी हॉस्पिटल की होती है, तो हम मशीनों, डॉक्टरों और स्टाफ पर ध्यान देते हैं, लेकिन एक बात जो अक्सर नजरअंदाज हो जाती है, वह है हॉस्पिटल का मुख्य प्रवेश द्वार. बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रवेश द्वार की जगह का असर सिर्फ मरीजों की संख्या पर ही नहीं, बल्कि इलाज की क्वालिटी और हॉस्पिटल की साख पर भी पड़ता है. अब बात करते हैं दिशा की, अगर आप हॉस्पिटल चला रहे हैं या नया हॉस्पिटल खोलने की सोच रहे हैं, तो यह समझना बेहद जरूरी है कि आपका मुख्य द्वार किस दिशा में है. अनुभव के आधार पर यह बात सामने आई है कि अगर हॉस्पिटल का प्रवेश नॉर्थ (उत्तर), ईस्ट (पूर्व), साउथ (दक्षिण) या वेस्ट (पश्चिम) की सही पॉजिशन पर हो, तो वह ज़्यादा अच्छे नतीजे देता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं इंदौर निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
यहां पॉइंट्स में समझिए
1. उत्तर दिशा (N3 या N4): अगर मुख्य द्वार उत्तर दिशा के तीसरे या चौथे हिस्से में होता है, तो वहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है. मरीजों को राहत जल्दी मिलती है और स्टाफ का व्यवहार भी संतुलित रहता है.
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2. पूर्व दिशा (E3 या E4): पूर्व दिशा को शुरू से ही उगते सूरज की दिशा माना गया है. यह दिशा नई शुरुआत और उम्मीदों की बनी हुई है, अगर हॉस्पिटल का दरवाज़ा यहां होता है, तो इलाज की प्रक्रिया में तेजी और संतुलन देखने को मिलता है.
3. दक्षिण दिशा (S3 या S4): आमतौर पर दक्षिण दिशा को कमज़ोर माना जाता है, लेकिन इसका तीसरा और चौथा हिस्सा अगर प्रवेश के लिए चुना जाए, तो वह बिल्कुल विपरीत असर देता है. यह जगह खासतौर पर इमरजेंसी और सर्जरी यूनिट्स के लिए लाभकारी साबित होती है.
4. पश्चिम दिशा (W3 या W4): पश्चिम दिशा को लोग अक्सर नकारात्मक मान लेते हैं, परंतु इसके भी तीसरे और चौथे हिस्से में अगर गेट हो, तो वहां से हॉस्पिटल को स्थायित्व और अच्छी पहचान मिलती है.
कई लोग कहते हैं कि अगर किसी की राशि या ग्रह किसी खास स्थिति में है तो फलां दिशा उनके लिए सही नहीं है. यह पूरी तरह गलत धारणा है. वास्तु की बात करें तो दिशाएं हर व्यक्ति के लिए अलग नहीं होतीं. वास्तु का मूल आधार है दिशाओं की ऊर्जा का संतुलन.
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जब हॉस्पिटल का गेट सही दिशा में होता है, तो वह सिर्फ मरीजों को ठीक करने का माध्यम नहीं होता, बल्कि वह एक ऐसी जगह बन जाता है, जहां इलाज के साथ-साथ विश्वास और उम्मीद का माहौल बनता है. हॉस्पिटल की सफलता केवल पैसे कमाने में नहीं है, बल्कि इसमें है कि वहां आने वाला हर मरीज राहत महसूस करे और वहां से अच्छी यादों के साथ लौटे.
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