Thursday, December 19, 2024
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सिर्फ प्रेमिका ही नहीं बल्कि ये भी बढ़ा देते हैं आपकी हार्ट बीट, इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज


विशाल झा/ गाजियाबाद: आजकल खराब लाइफ स्टाइल के कारण युवाओं में तेजी से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है .युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामले चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन हार्टबीट का बढ़ना ही सिर्फ हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार नहीं होता. बल्कि हार्ट रेट बढ़ने के कई कारण होते है, जिसमें ज्यादातर कारण घबराने वाले नहीं होते है.

गौरतलब है कि हृदय शरीर का सबसे जरूरी अंग है, जो हर बॉडी पार्ट तक ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचाता है. हमारी हार्ट रेट यह बताती है कि हमारा हार्ट हेल्दी है या नहीं और यह अपने सारे काम सही प्रकार कर रहा है या नहीं. अनहेल्दी और स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल के कारण आजकल हार्ट पालिप्टेशन यानी अचानक हार्ट बीट बढ़ने की समस्या आम हो गई है. डॉक्टर्स की मानें तो 1 मिनट में 120 से तेज हार्ट रेट किसी परेशानी की ओर इशारा करता है.जबकि यदि आप बैठे या लेटे हैं और आप शांत, तनावमुक्त हैं और बीमार नहीं हैं, तो आपकी हार्ट रेट सामान्य रूप से 60 (धड़कन प्रति मिनट) और 100 (धड़कन प्रति मिनट) के बीच होती है. यह पल्स रेट 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए होती है।

हार्ट रेट तेज होने का कारण
दरअसल इसी मामले को लेकर News 18 Local ने संतोष हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट आशुतोष जी से खास बातचीत की है. आशुतोष जी बताते हैं कि ये बहुत ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है. क्योंकि ज्यादातर युवाओं में स्ट्रेस के कारण भी हार्ट रेट काफी तेज हो जाता है. फिर हम ईसीजी टेस्ट करते हैं या फिर इको करते हैं, तो हार्ट नार्मल आता है. इसलिए घबराने वाली बात नहीं होती. हालांकि कुछ लोगों में इलेक्ट्रिकल सप्लाई में कुछ प्रॉब्लम होती है, ऐसे मरीजों में हार्ट रेट 200 तक चला जाता है. फिर ईसीजी करवाने के बाद हमको देखना पड़ता है की मरीज को दवा दी जाए या फिर रेडियो फ्रीक्वेन्सी की मदद से इलाज लेते है.

अटैक का कोई फिक्स्ड क्राइटेरिया
कुछ लोगों को लगता है की जब धड़कन बढ़ती है तो हार्ट अटैक आने वाला है, लेकिन हार्ट अटैक आने वक़्त धड़कने तेज भी हो सकती है और धीमी भी. क्योंकि हार्ट रेट का बढ़ जाना हार्ट अटैक का कोई फिक्स्ड क्राइटेरिया नहीं है. फिर ईसीजी करके पता चलता है की मरीज को क्या हुआ है?

दिल की धड़कन बढ़ने का कारण
दिल की धडकने बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. किसी को थाईरॉयड है, फीवर है, डीहाईड्रेट , गैस, थकान, इंजरी या फिर तनाव है. इन सभी मामलों में दिल की धडकने बढ़ जाती हैं. इन मरीजों को एस. वी. टी (Supraventricular tachycardia ) कहा जाता है, जिसमें आम से ज्यादा हार्ट रेट ऑब्जरव किया जाता है. इसमें हार्ट के उपर चैम्बर जो होता है वो अनियमित धड़कता है. इन लक्षणों को नजरअंदाज करने पर एक दिन ये जानलेवा साबित हो सकते हैं. इसलिए छाती में दर्द, भारीपन, पसीना आना कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए.

Tags: Ghaziabad News, Health News, Life18, Lifestyle, Uttar Pradesh News Hindi



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