मो.महमूद आलम/नालंदा. नालंदा मुख्यालय बिहारशरीफ के पुलपर बाजार स्थित बसंत बहार की दुकान काफी मशहूर है. इस दुकान पर मौसम के हिसाब से कई प्रकार की मिठाई बनाई जाती हैं. इस दुकान की मिठाई लाजवाब स्वाद के साथ क्वालिटी और शुद्धता की वजह से भी मशहूर है. दुकान संचालक वेद ने बताया कि इस मिठाई को सीजनली बनाया जाता है. हम तीन पुश्तों से अनरसा मिठाई को बनाते आ रहे हैं.
दुकानदार के मुताबिक, अनरसा की डिमांड नालंदा के अलावा देश से लेकर विदेश तक है. दरअसल इसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता के अलावा गल्फ कंट्री तक ऑर्डर से बनवा कर भेजा जाता है. यह एक हफ्ते तक खराब नहीं होती है. वहीं, अनरसा बनाने के रोजगार से करीब दर्जनों कारीगर जुड़े हुए हैं और इससे ही परिवार का जीविकोपार्जन चलता है. अनरसा की बिक्री दरभंगा मुख्यालय के पुलपर बाजार में 4 से 5 दुकान बसंत बहार के नाम से हैं. अनरसा बनाने वाले कारीगर विगन कुमार ने बताया कि वह करीब 8 साल से इसी दुकान पर अनरसा बनाते आ रहे हैं. साथ ही बताया कि सबसे पहले अरवा चावल को पानी में धोकर सुखा देते हैं. उसके बाद चावल की मील में पिसाई कराते हैं. उसके बाद गुड और चीनी की चाशनी तैयार की जाती है. फिर चाशनी को आटे में मिलाकर पकाया जाता है. दरभंगा में यह सिर्फ 4 महीने ही बनती है.
180 रुपये से लेकर 360 रुपये किलो है दाम
साथ कारीगर विगन कुमार ने बताया कि आटे हाथ में सटना बंद होने तक पकाया जाता है. उसके बाद गोल गोल गोला बनाकर खोवा भरा जाता है. अनरसा को तिल में लपेट कर रिफाइंड, डालडा एवं घी में छानकर पकाया जाता है. खोवा के अनरसा के अलावा पुड़ी अनरसा भी बनता है. बाजार में अनरसा 180 रुपये किलो से लेकर 360 रुपये किलो तक बिक रहा है. वहीं, अनरसा में खोवा की मात्रा अधिक होने पर कीमत बढ़ जाती है.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2023, 13:12 IST