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Sukhdul Singh Sukha Murder: कनाडा में आराम फरमा रहे एक और खालिस्तानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सुखदूल सिंह सुक्खा भारत में एक श्रेणी का कुख्यात गैंगस्टर था। इसका नाम भारत के मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में भी शामिल था, जिसे हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने जारी किया था। इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। हालांकि अभी कनाडाई पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई पुष्टि नहीं की गई है। जानकारी मिली है कि सुक्खा के सिर पर हमलावरों ने नौ गोलियां मारीं। हमलावरों ने मर्डर से पहले उसे बताया कि वे गोल्डी बराड़ के भाई की हत्या का बदला ले रहे हैं।
गैंगस्टर और कुख्यात खालिस्तानी सुखदूल सिंह सुक्खा दुनुके की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इस हत्याकांड को अंजाम देने का श्रेय भारतीय जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने लिया है। यह वही गैंग है, जिसने कांग्रेस नेता और मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसे वाला की हत्या की थी। अपनी फेसबुक पोस्ट में बिश्नोई गैंग ने लिखा कि वे अपने दुश्मनों को कभी नहीं छोड़ते, चाहे वह भारत में हो या देश से बाहर। गैंग ने कहा है कि सुक्खा ने गैंगस्टर गुरलाल बराड़ और विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए उसे मारकर बदला पूरा किया गया।
सुबह 9.30 पर घर में घुसे हमलावर, सिर पर मारीं 9 गोलियां
सुक्खा खालिस्तानी आतंकवादी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला का दाहिना हाथ था। कनाडा में रहकर वह अपने गुर्गों के जरिए भारत में वारदातों को अंजाम देता था। हत्या के वक्त वह कनाडा के विन्निपेग शहर के हेज़लटन ड्राइव रोड पर कॉर्नर हाउस के फ्लैट नंबर 203 में अपने घर में मौजूद था। जानकारी के मुताबिक, कनाडाई समयानुसार सुबह 9.30 बजे हमलावर उनके घर में घुसे और उनके सिर में नौ गोलियां मारीं। जिससे उसका सिर फट गया। पूरे कमरे में खून बिखरा हुआ था। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर वहां से फरार हो गए।
गोल्डी बराड़ के भाई की हत्या का बदला
जानकारी मिली है कि सुक्खा की हत्या करने से पहले हमलावरों ने कहा था कि तुमने गोल्डी के भाई गुरलाल बराड़ की हत्या करवाई है। इसमें तुम्हारा हाथ था। इसके बाद उनके सिर में 9 गोलियां मारी गईं। सुक्खा की मां और बहन भी कनाडा में रहती हैं जबकि उनके चाचा पंजाब के मोगा में रहते हैं।
2017 में जाली दस्तावेजों से भागा कनाडा
सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा ने कनाडा भागने के लिए 2017 में जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट और पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र हासिल किया। जबकि उस वक्त उसके खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस से मिलीभगत कर उसने कनाडा का वीजा हासिल कर लिया था। डुनेके के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। पंजाब पुलिस के दो जवानों पर उसकी मदद करने का आरोप लगा, बाद में उन्हें मोगा पुलिस ने गिरफ्तार किया।