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बिहार विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी पदों पर भर्ती के लिए आयोजित हुई परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। अब इसके लिए नए सिरे से परीक्षा होगी। नई परीक्षा तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी। सुरक्षा प्रहरी (मार्शल) के 69 पदों पर सीधी भर्ती के लिए 10 सितंबर को प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। इसमें 27 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसके बाद इसी साल 19 से 22 जनवरी तक अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच व दक्षता परीक्षा आयोजित की गई थी। दरअसल, विधानसभा सचिवालय को परीक्षा लेने में पारदर्शिता की कमी की शिकायत मिली थी। इस संबंध में सभा सचिवालय को प्रतिवेदन भी प्राप्त हुआ था। इसी के आधार पर पूरी तरह विचार करने के बाद सुरक्षा प्रहरी के लिये विज्ञापन संख्या 01/2023 के तहत ली गई परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया।
राज्य विधानसभा सचिवालय के उप सचिव राम कुमार यादव द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘प्राप्त रिपोर्टों पर विचार करने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। इसकी डिटेल्स बाद में बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।”
विधानसभा अध्यक्ष आनंद किशोर यादव ने कहा कि वह इस मामले को देख रहे हैं। परीक्षा कैंसिल किए जाने का निर्णय लिए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया। महागठबंधन सरकार के निर्णय को रद्द करने का यह एनडीए सरकार का पहला फैसला है। हालांकि विधानसभा में अन्य पदों पर भर्ती के लिए भी आवेदन मांगे गए थे, लेकिन वे भी जांच के दायरे में हैं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है।
सिन्हा, जो पहले खुद विधानसभा अध्यक्ष थे, ने कहा, ‘हमने विधानसभा भर्ती को लेकर महागठबंधन सरकार से पहले भी कई बार सवाल किए थे। मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र भी लिखा था। हमने इसे मीडिया के सामने सार्वजनिक भी किया लेकिन पहले कोई कार्रवाई नहीं की गई। गलती को सुधारने का काम एनडीए सरकार पर छोड़ दिया गया। भर्ती में हुई धांधली और रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए गहरी जांच होनी चाहिए।
सिन्हा ने कहा कि जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं सीएम नीतीश कुमार भी इसे कतई बर्दाश्त नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति एक साथ चलती है, क्योंकि ये एक दूसरे को जन्म देती हैं।’
आपको बता दें कि बिहार सरकार ने पिछले महीने महागठबंधन सरकार में शामिल राजद के मंत्रियों के कामकाज और लिए गए निर्णयों की समीक्षा करने का आदेश जारी किया था। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार पर हमारी सरकार नकेल कसेगी। अगर अतीत में कुछ गलत हुआ है तो उसे सुधारा जाएगा। सभी फैसलों की पूरी समीक्षा होगी।’
विश्वास मत हासिल करने के अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि उन्हें गड़बड़ी की जानकारी मिली है और इसकी पूरी जांच करायी जाएगी।