ऐप पर पढ़ें
परीक्षा नजदीक आने के साथ ही अक्सर छात्रों को फेल होने या नंबर कम आने की चिंता सताने लगती है। इस कारण उनमें उदासी, चिंता, नकारात्मक विचार, गुस्सा, चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है। वह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। जिला अस्पताल के मन कक्ष में हर दिन कई ऐसे बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंच रहे हैं। मनोचिकित्सक उन्हें तनाव और अवसाद से बचाव के टिप्स दे रहे हैं।
पीएल शर्मा जिला अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉ. विभा नागर बताती हैं कि अधिकतर छात्रों को ये चिंता सताती है कि अगर वह फेल हो गए या नंबर कम आया तो क्या होगा, साथ ही परिवार की भी बहुत सारी उम्मीदें होती हैं। वह आगे अच्छे कोर्स में एडमिशन लेने के लिए परीक्षा में अच्छे अंक लाने का दबाव भी बनाते हैं। इसका उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। बच्चों को बताएं कि परीक्षा का अंक ही उनकी प्रतिभा आंकने का पैमाना नहीं है। कोई भी परीक्षा जीवन से बड़ी नहीं है। हर बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है, उसे पहचाने और निखारने में मदद क
तनाव से बचने को परीक्षार्थी अपनाएं ये तरीके
1. टाइम टेबल बनाएं समय के अनुसार पढ़ना शुरू करें। बीच-बीच में ब्रेक लें। टाइम टेबल के अनुसार पढ़ें। हर 45 मिनट के बाद दस मिनट का ब्रेक लें।
2. ग्रुप में पढ़ें ग्रुप में पढ़ने के बहुत से फायदे होते हैं। अगर सवाल या समस्याएं हैं तो एक दूसरे के साथ हल कर सकते हैं। अपने कमजोर अध्यायों पर ध्यान दें। नोट्स बनाकर एक दूसरे के साथ शेयर करें।
3. चलें-फिरें, व्यायाम करें लगातार बैठकर पढ़ने के बाद बीच में कुछ समय के लिए व्यायाम करना जरुरी है। एक्टिविटी बढ़ाने से तनाव कम होता है। सैर करना, डांस करना जैसे व्यायाम कर सकते हैं।
4. सेहतमंद आहार लें सेहतमंद आहार तनाव से जूझने में मदद करता है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रिफाइंड काबोहाइड्रेट, चीनी से युक्त स्नैक्स खाने से तनाव बढ़ता है। इसके बजाए ताजा फल और सब्जियां, अच्छी गुणवत्ता का प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड तनाव से लड़ने में मदद करते हैं।