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बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में अब मां-बाप का फीडबैक भी शामिल होगा। बच्चों के संपूर्ण विकास की जिम्मेदारी साझा तौर पर शिक्षक और अभिभावक निभाएंगे। सिर्फ यह कहने से काम नहीं चलेगा कि बच्चा पढ़ने में अच्छा या खराब है। इसके लिए सबूत भी रखने होंगे। ओवरऑल बच्चे में पूरी समझ पैदा करने और उसे परफेक्ट बनाने की जिम्मेदारी होगी, ताकि आगे की कक्षाओं में वह बेहतर प्रदर्शन कर सके।
नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत अब मूल्यांकन के नए पैटर्न को अगले सत्र से लागू किया जाना है। इसके लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण और उनके लिए गाइड बुक्स तैयार की गई हैं। बताया गया कि उन्हें कैसे सिलेबस तैयार करना है और उसके अनुसार बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए कैसे काम करना है। समग्र प्रगति कार्ड (होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड) तैयार करना है।
इस तरह पूरा होगा समग्र मूल्यांकन
फाउंडेशनल स्टेज पर दो प्रोटोटाइप विकसित किए गए हैं। समग्र प्रगति कार्ड फाउंडेशनल स्टेज (आयु समूह 03 से 06 वर्ष) और समग्र प्रगति कार्ड ग्रेड एक और दो। यह कार्ड आयु निर्दिष्ट दक्षताओं पर ध्यान देने के साथ नियमित और रचनात्मक तरीके से बच्चे की प्रगति का दस्तावेजीकरण करने में मदद करेगा। कार्ड में बच्चे, उसके साथियों के साथ-साथ उसके माता-पिता से मिलने वाला इनपुट भी शामिल होगा। इससे बच्चे का 360 डिग्री मूल्यांकन हो सकेगा।
बोर्ड ने जारी की गाइड बुक्स
बोर्ड ने सामान्य तौर पर ग्रेड 01 और 02 के लिए शिक्षक गाइड लाइन जारी की है। बताया गया कि शिक्षक का रोल क्या होगा। उसे कैसे सिलेबस के साथ व्यक्तिगत रूप से उस पर ध्यान देना है। उसके अंदर व्यक्तित्व विकास के साथ पढ़ने, लिखने और बोलने की स्किल भी शामिल की जाएगी। विदेश की तरह न्यूमेरेसी (आंकिक ज्ञान) पर भी अधिक ध्यान दिया जाएगा। इससे भाषा के स्तर पर और मैथ्स में बच्चा शुरुआत से बेहतर परफॉर्मर बन सकेगा।
सीबीएसई की अच्छी शुरुआत
सीबीएसई स्कूलों के स्थानीय को-ऑर्डिनेटर सरदार बलविंदर सिंह के मुताबिक, नई एजुकेशन नीति के तहत यह प्रयास किए जा रहे हैं। बोर्ड इस पर पहले से काम कर रहा है। उनके स्कूल गुरुनानक मॉडर्न स्कूल को भी चुना गया था, जहां प्रयोग के तौर पर इसे लागू किया गया और सफलता मिली है। अब इसे सभी स्कूलों में शुरू किया जाना है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण मिलेगा। बोर्ड ने गाइडबुक भी जारी की है। इसका उद्देश्य बच्चों के अंदर से पढ़ाई का डर खत्म करना और तनाव मुक्त शिक्षा देना है।