Home National सुखविंदर सिंह सुक्खू की आलोचना, प्रतिभा का पद किसी और को; हिमाचल संकट हल करने के लिए खरगे को रिपोर्ट

सुखविंदर सिंह सुक्खू की आलोचना, प्रतिभा का पद किसी और को; हिमाचल संकट हल करने के लिए खरगे को रिपोर्ट

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सुखविंदर सिंह सुक्खू की आलोचना, प्रतिभा का पद किसी और को; हिमाचल संकट हल करने के लिए खरगे को रिपोर्ट

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Himachal Pradesh Congress Crisis: राज्यसभा चुनाव में करारी हार के बाद हिमाचल कांग्रेस की किरकिरी और सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर संकट के बादल फिलहाल शांत दिखाई दे रहे हैं लेकिन, अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं है। हिमाचल कांग्रेस के पर्यवेक्षकों द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपी गई सीक्रेट रिपोर्ट में सुक्खु के प्रति नाराजगी सामने आई है। हालांकि यह साफ है कि लोकसभा चुनाव तक सुक्खू की कुर्सी बची है लेकिन, चुनाव के बाद उस पर हाई कमान द्वारा फैसला लिया जा सकता है। इसी शर्त पर बागी तेवर अख्तियार करने वाले विक्रमादित्य अभी शांत हैं। खबर ये भी है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को पद से हटाया जा सकता है।

राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस इकाई में राजनीतिक संकट पैदा होने के कुछ दिनों बाद स्थिति को बचाने के लिए भेजे गए पार्टी पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी गई तीन पन्नों की गोपनीय रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रति नाराजगी और असंतोष खुलकर सामने आया है। साथ ही 6 विधायकों के बागी होने के पीछे राज्य कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया है।

सीक्रेट रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश के असंतुष्ट मंत्री विक्रमादित्य सिंह की भूमिका पर भी ध्यान दिया गया है। हालांकि अभी विक्रमादित्य से साफ तौर पर कह दिया गया है कि लोकसभा चुनाव तक सुक्खू की कुर्सी नहीं जाने वाली। उधर, बागी कांग्रेस विधायकों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है।

खरगे को मिली सीक्रेट रिपोर्ट की बड़ी बातें-

सुक्खू की आलोचना

रिपोर्ट में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की अनदेखी को लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू की आलोचना की गई है। रिपोर्ट में यह अस्वीकार्य पाया गया कि मुख्यमंत्री अपने विधायकों को एक साथ रखने में असमर्थ थे। इससे इस बात पर भी संदेह पैदा हो गया कि क्या सुक्खू भविष्य में पार्टी के भीतर विद्रोह को रोक पाएंगे?

विक्रमादित्य सिंह की भूमिका

पैनल ने पाया कि इस पूरे संकट में विक्रमादित्य सिंह की कार्य पार्टी अनुशासन तोड़ने जैसे थे। उनके कार्यों से पार्टी नेताओं को यह संदेह होने लगा कि क्या भविष्य में उन पर भरोसा किया जा सकता है। वहीं, बागी विधायकों पर पर्यवेक्षकों ने पाया कि क्रॉस वोटिंग करने वालों को भाजपा द्वारा भारी रकम का भुगतान किया गया था, जो पहाड़ी राज्य में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की लगातार कोशिश कर रही है।

सुधार क्या हो सकता है

पर्यवेक्षकों ने प्रदेश कांग्रेस में असंतोष दूर करने के लिए कई सुधारों की सलाह दी है। इसमें आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले लगभग बारह असंतुष्ट विधायकों को निगम और अन्य पद देना शामिल है।

प्रतिभा सिंह की कुर्सी जाएगी?

पैनल ने पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी आड़े हाथ लिया है और प्रस्ताव दिया कि उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए, जबकि अध्यक्ष पद किसी और को दिया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है ताकि राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकें। ऐसे में पैनल मुख्यमंत्री बदलने के खिलाफ था। यानी चुनाव तक सुक्खू को जीवनदान देने की बात सामने आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समन्वय समिति की घोषणा अगले कुछ दिनों में की जानी चाहिए और इसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, पार्टी के राज्य प्रमुख और कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा प्रस्तावित दो नेताओं को शामिल किया जाना चाहिए।

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